पांच राज्यों में चुनावी शंखनाद के साथ फिर शुरू हुआ लोकतंत्र का उत्सव, बंगाल पर रहा फोकस – विशेष रिपोर्ट

शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र देश भारत में एक बार फिर चुनावी उत्सव शुरू हो गया । कुछ समय पहले ही अक्टूबर-नवंबर महीने में बिहार विधानसभा चुनाव हुए थे, उसके बाद अब एक बार फिर पांच राज्यों में चुनावी फीवर शुरू होने को तैयार है । हालांकि अभी देश में कोरोना महामारी का भय बना हुआ है । कुछ दिनों से महाराष्ट्र, केरल समेत कुछ और राज्यों में कोरोना तेजी के साथ पैर पसार रहा है । देशवासी इस महामारी में भी अपने उत्सव में बढ़चढ़ कर भाग लेना चाहते हैं । पिछले दिनों पंजाब-गुजरात में नगर निकाय चुनाव हुए हैं, अब एक बार फिर देश में पांच राज्यों में लोकतंत्र की बयार बहने को तैयार है । आइए अब आपको बताते हैं इन राज्यों के होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में । पहले बात शुरू करेंगे बंगाल से । पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच जारी घमासान का असर केंद्रीय निर्वाचन आयोग पर भी दिखा । मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा चुनाव की तारीखों का एलान कर रहे थे तब उनके संबोधन में बंगाल चुनाव पर सबसे अधिक फोकस रहा । यही नहीं उन्होंने यहां की सुरक्षा व्यवस्था का भी जिक्र किया । बता दें कि पहले ही यह चर्चा थी कि बंगाल में 8 चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं, वैसे ही हुआ । कई दिनों से 4 राज्य और 1 केंद्र शासित प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा को लेकर सभी राजनीतिक दलों की निगाहें लगी हुई थीं । शुक्रवार शाम 5 बजे आयोग ने इन राज्यों में होने वाले चुनाव की घोषणा की । ये राज्य पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव शेड्यूल जारी किया। इसके मुताबिक वोटिंग की शुरुआत पश्चिम बंगाल और असम से होगी।कोरोना महामारी के मद्देनजर आयोग ने कहा कि गाइडलाइंस का पालन करते हुए वोटिंग होगी और इसका समय एक घंटे बढ़ाया गया है, वहीं जमानत राशि ऑनलाइन जमा कराई जाएगी। उम्मीदवार समेत अधिकतम 5 लोग ही घर-घर जाकर वोट मांग सकेंगे। पांच राज्यों के चुनाव की तारीखों के एलान के बीच सुनील अरोड़ा ने यह भी कहा कि यह मेरी आज आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस है, 2 महीने बाद 30 अप्रैल को मैं रिटायरमेंट हो जाऊंगा ।

पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में होंगे विधानसभा चुनाव, पहला फेज 27 मार्च से :-

इन राज्यों में पहले फेज की वोटिंग 27 मार्च को होगी। पांचों राज्यों में वोटों की गिनती 2 मई को होगी। पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 8 फेज में चुनाव होंगे। असम में 3 फेज में और बाकी तीनों राज्यों में सिंगल फेज में चुनाव होंगे। बता दें कि सबसे अधिक पश्चिम बंगाल को लेकर निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराने को लेकर निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लिया है ।‌ पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को पहले चरण के लिए वोटिंग होगी । एक अप्रैल को दूसरे चरण, 6 अप्रैल को तीसरे चरण, 10 अप्रैल को चौथे चरण, 17 अप्रैल को पांचवें चरण, 22 अप्रैल को छठे चरण, 26 अप्रैल को सातवें चरण और 29 अप्रैल को आठवें चरण के लिए वोट डाले जाएंगे । पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को पहले चरण के लिए वोटिंग होगी। एक अप्रैल को दूसरे चरण, 6 अप्रैल को तीसरे चरण, 10 अप्रैल को चौथे चरण, 17 अप्रैल को पांचवें चरण, 22 अप्रैल को छठे चरण, 26 अप्रैल को सातवें चरण और 29 अप्रैल को आठवें चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। पांचों राज्यों में कुल 18.6 करोड़ वोटर पांचों राज्यों को मिलाकर कुल 824 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे। बता दें कि 18.6 करोड़ वोटर 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें से अकेले पश्चिम बंगाल में ही 1 लाख से ज्यादा मतदान केंद्र होंगेे। बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी आमने-सामने हैं ।‌ पिछले कई दिनों से दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच घमासान मचा हुआ है । सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार बंगाल चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को टक्कर देने वाली भारतीय जनता पार्टी होगी । पिछले बार हुए विधानसभा चुनाव में लेफ्ट पार्टी और ममता के बीच सीधी फाइट हुई थी । ऐसे ही तमिलनाडु में 40 साल में पहली बार पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके के करुणानिधि व एआईडीएमके की जयललिता के बिना चुनाव लड़े जाएंगे । पूर्वोत्तर के राज्य असम में एनआरसी लागू होने के बाद ये पहले विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं । वहीं केरल में लेफ्ट को एकमात्र लाल गढ़ बचाने की चुनौती भी होगी । ऐसे ही पुडुचेरी में पिछले दिनों कांग्रेस की सरकार गिर गई थी, पार्टी को इस केंद्र शासित प्रदेश में सत्ता में वापसी करने की भी कम चुनौती नहीं होगी ।

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