देहरादून/वरदा शर्मा : बृहस्पतिवार की सुबह देश के लिये बड़ी ही दुखद खबर ले कर आई। भारत के सबसे लोकप्रिय और प्रतिष्ठित उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की आयु में स्वर्गवास हो गया है उन्होंने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अपनी आख़री सांस ली। रतन टाटा ने न सिर्फ टाटा ग्रुप को उच्च बुलंदियों पर पहुंचाया पर बहुत ऐतिहासिक कार्य भी किये है।
भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा जिनका योगदान आने वाली पीढ़ियां सदियों तक याद रखेंगी। अपने महान सामाजिक कार्यो और बेज़ुबान जानवरो के प्रति उनका प्यार किसी से छुपा नहीं हैं। हमेशा मदद के लिए तत्पर रहना और उनका निर्मल स्वभाव, अच्छे कार्यों की वजह से वह सिर्फ भारत ही नहीं पुरे देश विदेश में जाने जाते थे।
बेज़ुबान जानवरो से था असीम प्यार:-
26 जून 2024 को रतन टाटा ने अपने इंस्टा अकाउंट पर एक कुत्ते की तस्वीर पोस्ट करते हुए मदद की गुहार लगाई थी। उन्होंने 7 महीने के कुत्ते के लिए खून डोनेट करने की मांग करते हुए एक बड़ी पोस्ट लिखी थी। जिसके बाद बहोत सारे लोग ब्लड डोनेशन के लिए आगे आये और लोगों ने अपने डॉग को ब्लड ट्रांसफ्यूजन (रक्त आधान) देने के लिए ले आए।
कोरोना के समय पर की थी आर्थिक मदद :-
कोरोना काल के समय लोगो की मदद के लिए आगे आया था TATA ग्रुप कोरोना महामारी के समय हमारा देश स्वास्थ्य संकटों से जूझ रहा था। उस समय टाटा समूह ने देश की मदद के लिए 1500 करोड़ रुपये का दान दिया था। टाटा ट्रस्ट के प्रवक्ता देवाशीष राय का कहना है की हर वर्ष टाटा ग्रुप परमार्थ के लिए 1200 करोड़ का खर्चा करता है।
जरुरत मंद छात्रों को दी थी स्कालरशिप :-
आर्थिक कमी की वजह से जो छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने में शक्षम नहीं होते उनकी मदद के लिए टाटा ग्रुप्स हमेशा तत्पर रहा है। और ऐसे बच्चों को स्कालरशिप प्रदान करता है। इन छात्रों को जै. न. टाटा इंदौमेंट, सर रतन टाटा स्कालरशिप और टाटा स्कालरशिप दी जाती है। टाटा ने शिक्षा और विकास ट्रस्ट को 28 मिलियन का छात्रवृत्ति कोष प्रदान किया जिससे छात्रों को सहयता प्रदान हो इस वार्षिक छात्रवृत्ति से एक समय में लगभग 20 बच्चों को मदद मिलती है।
स्वास्थ्य सेवाओं में हमेशा रहा टाटा ग्रुप आगे :-
टाटा ग्रुप की कंपनी और टाटा ट्रस्ट ने 2010 में हारवर्ड बिज़नेस स्कूल को कार्यकारी केंद्र के निर्माण के लिए 50 मिलियन डॉलर डोनेट किये थे। सन 1970 के दशक में उन्होंने आगा खान हॉस्पिटल और मेडिकल कॉलेज की शुरुआत की थी। जिसने भारत के प्रमुख स्वास्थ सेवा संस्थानों में से एक की नीव रखी।
टाटा ग्रुप ने 2014 में भारत प्रोधोगिकी संस्थान मुंबई को 950 मिलियन डॉलर का डोनेशन दिया था और टाटा सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डिज़ाइन का गठन किया था।