रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा विवाद अब चरम पर आ गया है। दरअसल, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को पूर्वी यूक्रेन के डोनेत्स्क और लुगंस्क को अलग देश के रूप में मान्यता दे दी है। इसके बाद विवाद बढ़ गया है। रूस के इस दमनकारी फैसले के बाद दुनिया भर में हलचल बढ़ गई है। वहीं भारत भी इस मसले पर संभल-संभल कर कदम बढ़ा रहा है। भारत सरकार रूस और यूक्रेन मसले को लेकर नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस पर प्रतिबंध की बात कही है। वहीं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी आज यूक्रेन मसले पर मीटिंग शुरू हो गई है। बता दें कि सोमवार रात रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के विद्रोहियों के कब्जे वाले दो प्रांतों को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देने के कानून पर साइन कर दिए। यानी हफ्तों से सीमा पर बरस रहे गोले इसी दिन के लिए थे। टैंक और हवाई जहाजों का युद्धाभ्यास इसी घड़ी के लिए था। दस्तखत से पहले परमाणु मिसाइलों से इसी लिए डराया था। इस दस्तखत के बाद रूस की नजरों में अब लुहांस्क और डोनेस्टक स्वतंत्र देश हैं।
अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी समेत आदि देशों ने रूस के बीच कदम की आलोचना की :-
रूस की इस दमनकारी नीति के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने फ्रांस के राष्ट्रपति और जर्मनी के चांसलर से फोन पर बात की। रूस के इस कदम की निंदा की और कहा कि रूस को इसका जवाब दिया जाएगा। यूक्रेन के जिन इलाकों को रूस ने दो देशों की मान्यता दी है, अमेरिका ने तुरंत वहां से कारोबारी रिश्तों पर रोक लगा दी। वहीं संयुक्त राष्ट्र ने भी इस कदम को यूक्रेन की संप्रभुता के खिलाफ कदम बताया। ब्रिटेन ने इसे अंतराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करार दिया। साथ ही यूक्रेन को भरोसा दिया है कि बुरे वक्त में ब्रिटेन उसके साथ है। रूस के इस फैसले पर दुनियाभर में विरोध तेज हुआ है। यूरोपीय संघ ने साफ कर दिया है कि वो और उसके सहयोगी यूक्रेन की मदद के लिए आगे आएंगे।
यूक्रेन में करीब 20 हजार भारतीय छात्र फंसे, भारत ने संयम बरतने को रहा :-
यूएनएससी में भारत के स्थाई सदस्य टीएस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन मसले पर भारत की तरफ से बयान दिया। उन्होंने कहा कि यूक्रेन सीमा पर विवाद बढ़ना चिंता की बात है। ताजा घटनाक्रम इलाके में शांति-सुरक्षा को प्रभावित कर सकते हैं। नागरिकों की सुरक्षा जरूरी है। यूक्रेन में 20 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र और भारतीय लोग रहते हैं। भारतीयों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। आगे कहा गया कि भारत वैश्विक शांति और सुरक्षा पर जोर देता है। उम्मीद जताई गई है कि यह विवाद जल्द निपट जाएगा। तिरुमूर्ति ने कहा कि हम सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करते हैं। हमें विश्वास है कि इस मुद्दे को केवल राजनयिक बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है।