बजट में मिडिल क्लास मायूस, प्राइवेटाइजेशन और कॉर्पोरेट जगत को मिला ‘निर्मल आशीर्वाद’ – जन उजाला बजट विशेष

शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : कोरोना संकटकाल के बाद मिडिल क्लास को बहुत उम्मीद थी कि केंद्र सरकार इस बार बजट में रियायत देगी । कई दिनों से मध्यमवर्ग बजट का बेसब्री से इंतजार कर रहा था । आज सुबह जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद भवन में बजट का पिटारा खोल रही थी तब उम्मीद बढ़ती जा रही थी कि इस बार यह बजट मध्यमवर्ग को मायूस नहीं करेगा । लेकिन एक बार फिर वित्त मंत्री ने मिडिल क्लास के लोगों की मुस्कुराहट छीन ली । बता दें कि इस बार भी टैक्स भरने वाले करदाताओं को बजट में कुछ खास नहीं मिला । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से टैक्स स्लैब में कोई भी बदलाव नहीं किया गया । ऐसे में मिडिल क्लास को बजट से पहले जितनी भी उम्मीदें थी, वो वैसी की वैसी ही रह गई । सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, न ही कोई छूट दी। हालांकि, किफायती घर खरीदने वालों को ब्याज में 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त छूट का समय एक साल बढ़ाकर मार्च 2022 तक कर दिया। वहीं 75 साल से ज्यादा उम्र वाले पेंशनर्स को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से छूट भी दी है। बता दें कि सबसे ज्यादा इस बजट से कॉरपोरेट जगत खुश है, शेयर बाजार भी झूम उठा है । वित्त मंत्री के बजट में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 1.76 लाख करोड़ विनिवेश का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा आईडीबीआई में विनिवेश होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि बीपीसीएल एयर इंडिया, एससीआई और कॉनकोर का विनिवेश वर्ष 2021-22 में पूरा हो जाएगा। इसके अलावा डूबे हुए कर्जों के लिए एक मैनेजमेंट कंपनी बनाने का भी एलान किया गया है। वित्त मंत्री ने नए एलआईसी का आईपीओ लाने का भी एलान किया। इसके अलावा कई सरकारी कंपनियों के विनिवेश की घोषणा की गई । इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट को टेबलेट के जरिए पेश करते हुए डिजिटल इंडिया का संदेश भी दिया ।‌ यह देश का पहला पेपरलेस बजट बन गया । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में चुनावी राज्यों का खास ख्याल रखा है। तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुदुचेरी के लिए कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का एलान किया गया है। इन सभी राज्यों में इसी साल चुनाव होने वाले हैं। यही नहीं लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी ये राज्य अहम हैं। खासतौर पर पश्चिम बंगाल में तो लोकसभा की 42 सीटें हैं। हाईवे प्रोजेक्ट्स, मेट्रो से लेकर बंगाल के चाय बागान मजदूरों तक का इसमें खास ख्याल खा गया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने के बाद आरोप लगाया कि सरकार की योजना भारत की संपत्तियों को अपने पूंजीपति मित्रों को सौंपने की है । इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सिर्फ एक सवाल का जवाब दें कि केरल में वो पोर्ट को क्यों प्राइवेट हाथों में बेचना चाहते हैं तो मैं उनके हर 15 दिन में दोहराने वाले ट्वीट को कुछ नहीं कहूंगी।

बेसिक टैक्स छूट सीमा ढाई से बढ़ाकर 5 लाख की मांग की जा रही थी :-

यहां हम आपको बता दें कि कई साल से यह मांग की जा रही थी कि बेसिक टैक्स छूट सीमा 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख की मांग की जा रही थी । सरकार ने साल 2019-20 के बजट में 2.5 से 5 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए 12,500 की विशेष छूट देकर 5 लाख तक की आय को करमुक्त करने की कोशिश की है, लेकिन स्थायी रूप से 5 लाख रुपये तक की आय को करमुक्त करने की मांग की जा रही थी। लेकिन इस पर वित्त मंत्री ने कुछ नहीं किया । इसी तरह आयकर की धारा 80सी के तहत मिलने वाली छूट को बढ़ाकर 1.5 से 3 लाख रुपये तक करने की मांग की जा रही थी, लेकिन वित्त मंत्री ने इस पर भी कुछ नहीं कहा । ऐसे ही होम लोन पर मिलने वाले टैक्स छूट का दायरा बढ़ाने की भी मांग की जा रही थी। इसी तरह धारा 24 बी के तहत 2 लाख रुपये के ब्याज भुगतान पर टैक्स छूट का फायदा मिलता है, इसे भी बढ़ाए जाने की मांग थी लेकिन इस पर भी इस बार बजट में वित्त मंत्री मौन रही । केवल किफायती मकान पर ब्याज सब्सिडी को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया । कोरोना संकट के बीच वर्क ‘फ्रॉम होम का चलन’ तेजी से बढ़ रहा है । इसकी वजह से नौकरीपेशा लोगों का खर्च बढ़ गया है । इसलिए यह उम्मीद की जा रही थी कि ऐसे रीबेट यानी डिडक्शन की व्यवस्था की जाएगी ताकि ऐसे खर्चों पर टैक्स की बचत हो सके लेकिन बजट में इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया ।

इस बजट से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ही सबसे अधिक संतुष्ट हुईं :-

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

यहां हम आपको बता दें कि बजट को लेकर भले ही मध्यम वर्ग के लोगों को कितनी भी निराशा हुई हो लेकिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट को 10 में से 10 नंबर देकर कहा कि ‘मैं इस बजट से पूरी तरह संतुष्ट हूं’ । वहीं बजट के बाद प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘कई लोग सोच रहे थे कि हम आम आदमी पर टैक्स का बोझ डालेंगे, लेकिन ट्रांसपेरेंट बजट पर फोकस किया’ । पीएम मोदी ने कहा कि ये बजट नए भारत के आत्मविश्वास को उजागर करने वाला है। बजट देश के इंफ्रास्ट्रक्चर में बदलाव लाएगा । केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये बजट नए भारत की नींव रखेगा और 130 करोड़ भारतवासियों की जिंदगी बेहतर करेगा । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, लोगों को उम्मीद नहीं थी कि इस प्रकार का बजट पेश होगा क्योंकि इससे पहले भी एक तरह से पांच मिनी बजट पेश हुए हैं, ये बहुत ही शानदार बजट है । यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बजट में समाज के हर तबके के लिए बहुत कुछ प्रावधान किया गया है।निर्मला सीतारमण की ओर से कहा गया कि यूपीए सरकार से करीब तीन गुना राशि मोदी सरकार ने किसानों के खातों में पहुंचाई है । वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से हर सेक्टर में किसानों को मदद दी गई है, दाल, गेंहू, धान समेत अन्य फसलों की एमएसपी बढ़ाई गई । वित्त मंत्री के इस भाषण पर संसद में विपक्ष के नेताओं ने खूब हंगामा किया ।

कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं को पसंद नहीं आया बजट :-

राहुल गांधी ने बजट की आलोचना करते हुए कहा है कि सरकार गरीबों के हाथ में पैसा देना भूल गई है। इसकी बजाय मोदी सरकार ने भारत की संपदा अपने कारोबारी मित्रों को देने का फैसला लिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर सरकार के बजट पर तंज कसा। थरूर ने कहां कि बीजेपी सरकार मुझे उस गैरेज मैकेनिक की याद दिलाती है जिसने अपने मुवक्किल से कहा था, मैं आपका ब्रेक ठीक नहीं कर सकता, इसलिए मैंने तुम्हारे हॉर्न को लाउड बना दिया । कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट करते हुए कहा कि वित्त मंत्री के भाषण में इसका कोई जिक्र ही नहीं हुआ कि जीडीपी में 37 महीनों की रिकॉर्ड गिरावट है। 1991 के बाद से यह सबसे बड़ा संकट है । उन्होंने दावा किया कि देश की बहुमूल्य संपत्तियों को बेचने के अलावा बजट में कोई मुख्य ध्यान नहीं दिया गया। कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने बजट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को घेरा और कहा कि उन्होंने बिहार में निशुल्क वैक्सीन देने की घोषणा की थी, लेकिन आज बजट में इसका कोई उल्लेख नहीं किया । अधीर रंजन ने तंज कसते हुए कहा कि ‘रात गई बात गई’ । वहीं दूसरी ओर आरजेडी तेजप्रताप यादव ने तंज कसा और ट्वीट कर पूछा कि बजट चल रहा है या सेल । तेज प्रताप ने कहा कि केंद्र सरकार ने इस बजट में एयरपोर्ट, सड़क, बिजली ट्रांसमिशन लाइन और वेयरहाउस बेचने का फैैसला सुनाया है। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने इस बजट को आम आदमी की दुश्वारियां बढ़ाने वाला करार दिया है । सपाा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए एक बयान में कहा कि, मोदी सरकार अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है, वो कॉरपोरेट समूहों के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रही है ।

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