पूरी दुनिया की निगाहें रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध पर टिकी है। युद्ध को रोकने के लिए अभी फिलहाल कोई रास्ता निकलता हुआ नहीं दिख रहा। हां रविवार शाम को मीडिया रिपोर्ट में खबर आई थी कि दोनों देश बेलारूस और यूक्रेन के बॉर्डर पर बातचीत के लिए तैयार हैं। फिलहाल आज भी रूस की ओर से यूक्रेन पर हमला लगातार जारी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शांति के मूड में नहीं है। यूक्रेन पर सबसे बड़े हमले के लिए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने एटमी हथियारों से लैस यूनिट को हाई अलर्ट पर रखा है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले की दुनिया के कई देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी आलोचना कर रहे हैं।
वही अमेरिका ने रूसी नाटो ने पुतिन के एलान पर कड़ा विरोध जताया है। नाटो का कहना है कि पुतिन का परमाणु बलों को अलर्ट करना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। गैर जिम्मेदार तरीके से रूस दुनिया में डर और भय का माहौल बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है। इस बीच अमेरिका ने भी उसको जवाब देने के लिए अब अपने स्ट्रेटजिक मिसाइल फोर्स को लड़ने के लिए अलर्ट पर रहने को कहा है। अमेरिका की स्ट्रेटजिक मिसाइल फोर्स में न सिर्फ परमाणु हथियार हैं बल्कि हाइपरसोनिक मिसाइलें भी शामिल हैं जो ध्वनि की गति से दस गुना तेजी से वार करने में सक्षम हैं।
साथ ही यूक्रेन ने कहा है कि उसने अब तक 4,300 रूसी सैनिक मार गिराए और 146 टैंक, 27 विमान और 26 हेलिकॉप्टर तबाह किए हैं। वहीं, ब्रिटेन ने उन लोगों की मदद की बात कही है, जो यूक्रेन जाकर रूस के खिलाफ जंग में हिस्सा लेना चाहते हैं। दूसरी तरफ, इस टकराव को रोकने और रूस पर दबाव बनाने की कोशिशें भी चल रही हैं।
ऐसे में इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र महासभा के स्पेशल इमरजेंसी सेशन में भेजने के लिए सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वोटिंग हुई। प्रस्ताव के पक्ष में 11 और विपक्ष में 1 वोट पड़ा। भारत, चीन और यूएई ने फिर वोटिंग से दूरी बनाए रखी। वहीं दूसरी ओर यूक्रेन की मदद के लिए आगे आया स्वीडन, सैन्य उपकरण और एंटी-टैंक लॉन्चर भेज रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रविवार देर शाम रूस और यूक्रेन के बीच जंग को लेकर हाई लेवल की मीटिंग की। वहीं आज एक और फ्लाइट यूक्रेन से 249 भारतीय नागरिकों को लेकर स्वदेश लेकर आएगी।