भारत में जब से डिजिटल युग की शुरुआत हुई है तब से ही उसी के साथ साइबर क्राइम की घटनाओं ने भी अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है। आज देश हर जिले से साइबर क्राइम के मामलें सुनने को मिल जाते है। इस बड़े स्कैम से आपको सुरक्षित करेगा जन उजाला संवाददाता रुपाली भंडारी की यह विशेष रिपोर्ट :-
जाने क्या होता है साइबर क्राइम ?
साइबर क्राइम का अर्थ है इंटरनेट या कंप्यूटर नेटवर्क का उपयोग करके किए गए अपराध। इसमें कंप्यूटर, स्मार्टफोन, इंटरनेट, और डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करके गैरकानूनी गतिविधियाँ की जाती हैं। साइबर क्राइम में हैकिंग, डेटा चोरी, वायरस फैलाना, ऑनलाइन धोखाधड़ी, पहचान की चोरी, और साइबर धमकी जैसी गतिविधियाँ शामिल होती हैं। जैसे-जैसे डिजिटल तकनीक और इंटरनेट का उपयोग बढ़ रहा है, वैसे-वैसे साइबर अपराधों की संख्या भी बढ़ रही है, जो व्यक्तिगत, वित्तीय, और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। साइबर सुरक्षा के माध्यम से इन अपराधों से निपटने के प्रयास किए जाते हैं, ताकि इंटरनेट का सुरक्षित और जिम्मेदार उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
भारत सहित समूचा विश्व है इससे आहत :-
यह भारत में 2019 में 26,049, से बढ़कर 2024 के पहले चार महीने में 74,0957 तक जा चुके हैं। इसमे भारत दसवें नंबर पर है।सबसे ज्यादा एडवांस पेमेंट से संबंधित धोखाधड़ी होती है। साइबर अपराध भी कई प्रकार के होते हैं । जैसे स्पैम ,ईमेल हैकिंग ,फिशिंग, वायरस को डालना किसी की जानकारी को ऑनलाइन प्राप्त करना । भारत में साइबर अपराध से सबसे पहले मामलों में से एक याहू पर नाम आकाश अरोड़ा का था । यह मामला 1999 में हुआ था । इस मामले में प्रतिवादी आकाश अरोड़ा पर ट्रेडमार्क या डोमेन नाम ‘ yahooindiacom’ का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था और स्थाई निषेधाज्ञा की मांग की गई थी ।
साइबर क्राइम से खुद को कैसे बचाएं ? :-
– सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट रखें।
– मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें ।
– स्पैम ईमेल में अटैचमेंट कभी ना खोलें।
– अविश्वसनीय वेबसाइट में दिए गए लिंक पर क्लिक न करें।
– अपने बैंक स्टेटमेंट का नजर रखें ।
– संदिग्ध अनुरोधों के बारे में सीधे कंपनियों से संपर्क करें ।
इसके लिए सरकार द्वारा दिए गए हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी शिकायत दर्ज करा सकते है और सूचना प्रौद्योगिकी वह तकनीक है जो कंप्यूटर और दूरसंचार उपकरणों का उपयोग करके सूचना को स्टोर, पुनर्प्राप्त , संसाधित और प्रसारित करती है। आईटी के क्षेत्र में कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर, नेटवर्किंग, इंटरनेट और इलेक्ट्रॉनिक डेटा को प्रबंधित और विकसित किया जाता है। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 को 17 अक्टूबर, 2000 को लागू किया गया था। यह अधिनियम साइबर अपराधों को नियंत्रित करने और इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाया गया था ।
साइबर क्राइम के लिए कौन तरह की धाराएँ होती है लागू ?
– धारा 43: बिना अनुमति के डेटा को एक्सेस करना, कॉपी करना या मॉडिफाई करना।
– धारा 66: कंप्यूटर हैकिंग, यानी बिना अनुमति के किसी के कंप्यूटर में प्रवेश करना या उसे नुकसान पहुँचाना।
– धारा 66B: चोरी किए गए कंप्यूटर संसाधनों या डिवाइसों का इस्तेमाल करना।
– धारा 66C: पहचान की चोरी जैसे किसी और के डिजिटल सिग्नेचर, पासवर्ड या पहचान का गलत इस्तेमाल करना।
– धारा 66D: कंप्यूटर संसाधन के जरिए छल-कपट करना।
– धारा 66E: किसी व्यक्ति की गोपनीयता का उल्लंघन करना, जैसे कि बिना अनुमति के उसकी तस्वीर या वीडियो लेना और ऑनलाइन पोस्ट करना।
– धारा 67: अश्लील सामग्री का प्रकाशन या वितरण करना।
– धारा 67A: यौन सामग्री का प्रकाशन या वितरण करना।
ऐसे जन उजाला या उम्मीद करता है कि यह जानकारी आपको जागरूक और सतर्क करेगी साइबर क्राइम से सतर्क रहने के लिए रोज न्यूज़ पढ़े। ताजा खबर जानने के लिए आप जन उजाला के पोर्टल पर भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, तथा किसी भी भेजे हुए अन्य लिंक पर क्लिक न करें अपने बैंक का एटीएम की जानकारी किसी को ना दें अपने एटीएम के ओटीपी जैसी जानकारी अपने तक ही सीमित रखें। अन्य जानकारी के लिए बनें रहे जन उजाला के साथ ।