शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : आज रविवार है । आइए आपको उत्तर प्रदेश लिए चलते हैं । बात करेंगे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी और उनके चाचा शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) की । शनिवार दोपहर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राजधानी लखनऊ से एक नया सियासी दांव खेला । एक सभा के दौरान अखिलेश ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ‘बाहरी’ हैं । सपा अध्यक्ष के इस बयान के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं में नया जोश भर गया । अखिलेश यादव के इस नए सियासी दांवपेच की सूचना उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव को लगी तो उनसे भी रहा नहीं गया। शाम होते होते शिवपाल भी अपने नए राजनीतिक दोस्त का स्वागत करने के लिए लखनऊ से 270 किलोमीटर दूर पहुंच गए । दोनों की ये मुलाकात अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में एक शादी समारोह में हुई। आपको बताते हैं चाचा का नया दोस्त कौन है । जी हां, एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी । मौका था ओवैसी की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली की बेटी की शादी के कार्यक्रम का । इस दौरान शिवपाल और ओवैसी में लंबी गुफ्तगू हुई । यहां हम आपको बता दें कि यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए दोनों करीब आते जा रहे हैं । इससे पहले भी दोनों नेताओं की लखनऊ में मुलाकात हो चुकी है । ओवैसी से इस बार शिवपाल यादव जिस गर्मजोशी के साथ मिले हैं उससे संभावना बढ़ गई है कि विधानसभा चुनाव होने से पहले दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन तय है । जबकि अखिलेश चाहते हैं कि शिवपाल प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का विलय सपा में कर लें, लेकिन चाचा को ओवैसी का साथ खूब पसंद आ रहा है ।
एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी भी शिवपाल से गठबंधन करने के लिए बेकरार :-
पहले महाराष्ट्र में ओवैसी पार्टी की विधानसभा में 2 सीट मिलने के बाद पिछले साल हुए बिहार चुनाव में पांच सीटों पर जीत दर्ज की। इसके बाद हैदराबाद में हुए निकाय चुनाव में भी एआईएमआईएम ने शानदार प्रदर्शन किया । इसके बाद से असदुद्दीन ओवैसी के हौसले बुलंद हैं । बंगाल में इसी साल होने में वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी भी एआईएमआईएम ने शुरू कर दी हैं। इसके साथ ओवैसी उत्तर प्रदेश में भी अपनी पार्टी की पिछले काफी समय से संभावना तलाश रहे हैं । असदुद्दीन उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से अपनी पार्टी की नींव मजबूत करनेे में जुटे हुए हैं । पिछले महीने हुई मुलाकात में असदुद्दीन ओवैसी ने शिवपाल यादव के साथ गठबंधन करने के संकेत दिए थे। ओवैसी ने कुछ महीनों पहले सुहैल देव भारतीय समाज पार्टी के ओमप्रकाश राजभर से भी मुलाकात के समय शिवपाल सिंह भी मौजूद थे । तब ओवैसी ने शिवपाल यादव के साथ गठबंधन करने के संकेत देते हुए कहा था कि हम मिलकर काम करेंगे, शिवपाल भी ओवैसी की तारीफ कर चुके हैं । राजभर प्रदेश में अति पिछड़ों की राजनीति करने के लिए जाने जाते हैं । बता दें कि पिछले महीने जनवरी में भी ओवैसी ने पूर्वांचल का दौरा किया था ।
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले शिवपाल यादव ने दिया गैर भाजपावाद का नारा :-
बता दें कि सपा से नाता तोड़कर अलग हो चुके प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने यूपी विधानसभा चुनाव के लिए गैर-भाजपावाद का नारा दिया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी को हराने के लिए समाजवादी परिवार को एकजुट होने की जरूरत है। शिवपाल ने एक बार फिर साफ किया कि वह समाजवादी पार्टी में विलय नहीं करेंगे, बल्कि गठबंधन करने के लिए तैयार हैं । आजमगढ़ में शनिवार शाम को ओवैसी से मुलाकात पर शिवपाल यादव ने कहा कि ‘हम चाहते हैं कि बीजेपी को हराने के लिए सभी धर्मनिरपेक्ष ताकतें एक हों’ । उन्होंने कहा कि हम पहले ही कह चुके हैं कि समान विचारधारा और सभी धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के लोग मिलकर भारतीय जनता पार्टी को देश और प्रदेश से उखाड़ फेंकेंगे । मालूम हो कि ओवैसी और राजभर आम आदमी पार्टी के साथ ही अन्य छोटे दलों जैसे शिवपाल सिंह यादव की ‘प्रसपा’ और कृष्णा पटेल के ‘अपना दल’ का साथ लेने की तैयारी में हैं । ऐसे में शिवपाल यादव से ओवैसी की मुलाकात नए गठबंधन की तरफ इशारा कर रहा है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि विधानसभा चुनाव से पहले यूपी की राजनीति में गठबंधन का नया स्वरूप देखने को मिलेगा । फिलहाल प्रदेश की सियासत में अटकलों का बाजार गर्म है ।