भाजपा का बंगाल में एक और चुनावी स्ट्रोक, ‘रथयात्रा’ निकालकर तैयार करेगी सियासी जमीन – विशेष रिपोर्ट

शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : भारतीय जनता पार्टी ने ठान ली है कि हर हाल में पश्चिम बंगाल की गद्दी पर काबिज होना है । पार्टी आलाकमान से लेकर कई दिग्गज नेता इस बार चुनावी समर में उतरने के लिए सभी सियासी दांवपेच अपना रहे हैं जिससे बंगाल विधानसभा चुनाव जीत सके । आज रविवार है, आइए एक बार फिर बंगाल की राजनीति पर चर्चा की जाए । भाजपा नेताओं ने अभी तक ममता बनर्जी के अब तक के शासनकाल की कमियां, हिंदुत्व से लेकर बंगाल के महापुरुषों नेताजी सुभाष चंद्र बोस, स्वामी विवेकानंद और रवींद्र नाथ टैगोर समेत कई महान विभूतियों को अपने साथ लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय समेत कई पार्टी के दिग्गज नेता बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार की सियासी जड़ें कमजोर करने में लगे हुए हैं । ‘अब भाजपा ने बंगाल चुनावों में अपनी पकड़ और मजबूत करने के लिए 90 के दशक का अपना सुपरहिट सियासी फार्मूला भी तैयार कर लिया है’ । हम आपको बताते हैं भाजपा का चुनावी फार्मूला क्या है । जी हां भारतीय जनता पार्टी की शुरुआत ही ‘रथ यात्राओं’ से हुई थी, ‘पार्टी आज भी रथयात्रा को अपना सबसे बड़ा चुनावी हथियार और वोटरों में पकड़ बनाने के लिए सियासी मास्टर स्ट्रोक मानती है’ ।‌ बता दें कि अटल बिहारी वजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और खुद नरेंद्र मोदी समेत कई बड़े नेताओं ने देशभर में रथों पर सवार होकर पार्टी को सफलता दिलाई थी । अब बंगाल में भी बीजेपी नेताओं ने हर विधानसभा क्षेत्रों में रथयात्रा को निकालने की तैयारी कर ली है ।‌ भारतीय जनता पार्टी इन रथयात्राओं की शुरुआत फरवरी से करेगी । बंगाल में रथयात्रा निकालने का फैसला दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और जेपी नड्डा की मौजूदगी में हुआ है ।

भाजपा इन रथ यात्राओं से बंगाल के लोगों को परिवर्तन का संदेश देगी :

भाजपा का बंगाल विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक फोकस परिवर्तन यानी सत्ता के बदलाव को लेकर लगा हुआ है । पार्टी के महासचिव और बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय समेत कई नेताओं ने बंगाल में कई महीनों से अपना डेरा जमा रखा है । पिछले दिनों से भाजपा ने चुनाव से ठीक पहले अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए बंगाल की जनता तक पहुंच बनाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं । ‘बंगाल में रथ यात्रा निकालकर भारतीय जनता पार्टी राज्य के लोगों को परिवर्तन (बदलाव) का संदेश देना चाहती है’ । बता दें कि पार्टी राज्य की सभी 294 सीटों पर यह रथयात्रा निकालने जा रही है । इस रथयात्रा पर सवार होकर गृह मंत्री अमित शाह, जेपी नड्डा और कैलाश विजयवर्गीय समेत कई दिग्गज बंगाल में परिवर्तन की लहर बनाने की कोशिश करेंगे ।‌ पार्टी ने बंगाल में भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष व अन्य नेताओं के साथ इस पर पूरा मंथन कर लिया है । बता दें कि भाजपा अपने इस नए सियासी हथियार के जरिए राज्य में सत्तासीन तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को और तोड़ने की कोशिश करेगी ।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के लिए अपने नेताओं को संभालना मुश्किल पड़ रहा है :-

विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने सबसे अधिक तृणमूल कांग्रेस नेताओं को अपनी पार्टी में विलय कराने का आक्रामक प्लान बनाया हुआ है ।‌ सही मायने में दीदी को अपने नेताओं को संभालने के लिए इन दिनों बहुत ही मशक्कत करनी पड़ रही है । दीदी के सबसे खास रहे शुभेंदु अधिकारी समेत कई प्रमुख नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है ।‌ पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस की सांसद शताब्दी रॉय के भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें थीं, लेकिन बड़ी मुश्किल से ममता इन्हें संभाल पाईं हैं । ‘बीजेपी चुनाव से पहले अपने मिशन पर ममता बनर्जी के नेताओं को ही तोड़ने में लगी हुई है’। भाजपा नेताओं की तैयारियों को देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि बंगाल विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान संभव है इसी महीने की आखिरी में हो जाए । बंगाल चुनाव को लेकर अमित शाह और जेपी नड्डा ने अपनी कमर कस ली है । यह दोनों नेता बंगाल में तूफानी दौरा कर रहे हैं । अभी पिछले दिनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा वर्धमान जिले में अपनी चुनावी सभा करके आए हैं । अब इसके बाद अमित शाह 30 और 31 जनवरी को पश्चिम बंगाल का दौरा कर रहे हैं । वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चुनाव की तारीखों के एलान के बाद रैली की शुरुआत कर सकते हैं ।

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