भारत में कई धर्मों के लोग एक साथ रहते है। जो यहां के सभी सरकारी संसाधनों का समान रूप से लाभ उठाते है। परंतु अपराधों की सजाओं के समय कानूनी तौर पर अलग अलग तरीके से सजाओं का निर्धारन किया जाता रहा है। पर अब भारत के एक छोटे से राज्य उत्तराखंड में एक ऐसा कानून लागू होने वाला है जो अपराधिक गतिविधियों में भी सभी धर्मो को एक जैसा फैसला सुनाएगा। इसी वजह से इस कानून को ‘समान नागरिक संहिता’ का नाम दिया गया है। UCC को पूरा समझने के लिये पढ़े जन उजाला संवाददाता वरदा शर्मा की विशेष रिपोर्ट
जाने समान नागरिक संहिता क्या है ?
समान नागरिक संहिता जिसे uniform civil code भी कहा जाता है ये कानून सभी सामाजिक वर्गो धर्मो एक साथ लाने का काम करता है वही दूसरी ओर एक व्यक्ति के सभी समान अधिकार जैसे तलाक, बच्चे गोद लेना, उनका भरण पोषण सहित सभी सामाजिक मुद्दे, सभी के लिए एक समान कानून, हर धर्म समुदाये के व्यक्ति को एक समान देखा जाना और सभी को कानून की नजर में एक समान अधिकार प्रदान करने का कार्य करता है।
जानिए क्या है, यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड के फायदे ?
1- समान नागरिक संहिता कानून लागू हो जाने पर सभी धर्मो, जाति वर्गो को समान अधिकार प्राप्त होगा।
2- सभी नागरिकों के बीच एकता और धर्मनिर्पेक्षता को बढ़ावा मिलेगा।
3- बेकार या पुराने कानूनों से मुक्ति मिलेगी।
4 – विवाह, संपति, विरासत, उत्तराधिकारी जैसे मुद्दे आसान होंगे।
5- महिलाओं को सम्पति में समान अधिकार मिलेंगे।
6- तीन तलाक जैसे कानून समाप्त होंगे।
जाने, कब से लागू होगा उत्तराखंड मे यूनिफ़ॉर्म सिविल कोड ?
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि हमने समान नागरिक संहिता का विधेयक हमारी विधानसभा मे पारित कर दिया है साथ ही अब राष्ट्रपति की भी हमें मंज़ूरी मिल गई है। वही 9 नवंबर 2024 को उत्तराखंड स्थापना दिवस से पहले राज्यो में सभी वर्ग धर्मो तथा उसमें रहने वाले सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता कानून लागू कर दिया जाएगा।