देश की राजनीति में एक नई बहस की शुरुवात हो चुकी है।बिहार में कुछ दिनों से राष्ट्रपति पद को लेकर सियासी हलचल मची हुई है। पिछले दिनों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम राष्ट्रपति बनाने को लेकर सियासी गलियारे में चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। लेकिन नीतीश कुमार के समर्थक नेता इस बात से उत्साहित हैं।
बता दें कि मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि कोई भी बड़ा पद हो, नीतीश कुमार उसके लायक हैं। लेकिन उनको राष्ट्रपति बनाया जाए या ना बनाया जाए ये तो समय आएगा तो देखा जाएगा। नीतीश कुमार को समर्थन देने के सवाल पर जीतन राम मांझी ने कहा कि हम उनके साथ सरकार में हैं। वहीं दूसरी और नीतीश सरकार में भाजपा कोटे के मंत्री इस मामले में पल्ला झाड़ते हुए नजर आए। बिहार के उपमुख्यमंत्री तारा किशोर प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनाने के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
साथ ही आपको यह भी बता दें कि नीतीश कुमार को राष्ट्रपति बनाने की चर्चा तब सुरू हुई जब इसी महीने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और प्रशांत किशोर की मुलाकात हुई। तेलंगाना के चुनाव में प्रशांत किशोर की केसीआर की पार्टी टीआरएस के लिए काम करेगी। दो दिनों तक दोनों के बीच चली बैठक में नीतीश को राष्ट्रपति का चुनाव लड़ाने पर लंबी चर्चा हुई। इसके बाद नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर पटना में डिनर पर मिले। वहीं केसीआर मुंबई में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मिले। इससे पहले आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी केसीआर से मुलाकात की थी।
आप यह भी जान लें कि इसी साल जुलाई महीने में मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का 5 साल कार्यकाल खत्म होने वाला है।