शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : केंद्र सरकार अब सड़कों पर भी डिजिटल को बढ़ावा देने के लिए आज यानी 15 फरवरी से देशभर में फास्टैग व्यवस्था लागू कर रही है । अब चार पहिया वाहन सवारों को फास्टैग अनिवार्य रूप से लेना होगा । टोला प्लाजा पर शत-प्रतिशत कैशलेस ‘फास्टैग’ लागू करने की गाइडलाइन को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय व एनएचआइ ने जारी कर दिया है। अगर आप सफर पर निकल रहे हैं तो ये एक काम आज ही पूरा कर लीजिए । अपने वाहन पर फास्टैग लगवा लीजिए । यहां हम आपको बता दें कि आज रात 12 बजे किसी वाहन सवार के पास फास्टैग नहीं होगा तो वह टोल प्लाजा पार नहीं कर पाएगा, साथ ही आपके ऊपर जुर्माना भी लगाया जा सकता है । यह व्यवस्था दो पहिया वाहनों पर लागू नहीं होगी। केंद्र सरकार ने देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने की मुहिम छेड़ रखी है। जिसके चलते अब टोल प्लाजाओं पर भी कैश पेेमेंट पर रोक लगा दी गई है। कैश पेमेंट के स्थान पर अब वाहन स्वामी फास्टैग के माध्यम से भुगतान कर सकेंगे। मौजूदा समय में कुछ बैंकों के नाम से भी फास्टैग जारी किए जा रहे हैं। ऐसे बैंकों में एक्सिस बैंक, एचडीएफसी, कोटक बैंक, पेटीएम व आईडीएफसी शामिल हैं। 15 फरवरी की रात बारह बजे के बाद से देशभर में यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि फास्टैग की समय सीमा को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा । उन्होंने कहा कि वाहन मालिकों को तुरंत इस ई-भुगतान सुविधा को अपनाना चाहिए । परिवहन मंत्री गडकरी ने कहा कि फास्टैग टोल प्लाजाओं पर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है । इसे 2016 में पेश किया गया था । सरकार फास्टैग को लागू करने की समय-सीमा कई बार बढ़ा चुकी है । मोदी सरकार ने जनवरी से ही फास्टैग को अनिवार्य किया था। लेकिन बाद में इसे बढ़ाकर फास्टैग की डेडलाइन 15 फरवरी 2021कर दी थी । वहीं अब बिना किसी छूट के आज से फास्टैग से ही टोल टैक्स भुगतान की व्यवस्था को लागू कर दिया है। देशभर में यह आज से प्रभावी हो रहा है । आइए आपको बताते हैं क्या है फास्टैग ।
फास्टैग के जरिए टोल टैक्स का भुगतान कैशलेस कर सकेंगे :-
अगर आप वाहन चलाते हैं और फास्टैग नहीं लगवाया है, तो आज रात 12 बजे के बाद आपकी जेब पर बोझ बढ़ जाएगा। टोल प्लाजा पर बिना फास्टैग लगे वाहनों से दोगुना टैक्स लिया जाएगा। सफर शुरू करने से पहले इस नई व्यवस्था को जान लीजिए । फास्टैग एक प्रकार का टैग या स्टिकर होता है। यह वाहन की विंडस्क्रीन पर लगा हुआ होता है। फास्टैग रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन या तकनीक पर काम करता है। इस तकनीक के जरिए टोल प्लाजा पर लगे कैमरे स्टिकर के बार-कोड को स्कैन कर लेते हैं और टोल फीस अपनेआप फास्टैग के वॉलेट से कट जाती है। फास्टैग के इस्तेमाल से वाहन चालक को टोल टैक्स के भुगतान के लिए रुकना नहीं पड़ता है। टोल प्लाजा पर लगने वाले समय में कमी और यात्रा को सुगम बनाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। बता दें कि फास्टैग को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से खरीदा जा सकता है। किसी भी ऑथराइज्ड बैंक या अमेजन, फ्लिपकार्ट और पेटीएम जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफऑर्म से ऑनलाइन फास्टैग खरीदा जा सकता है। इसके अलावा 23 ऑथराइज्ड बैंक, रोड ट्रांसपोर्ट ऑफिस के पॉइंट ऑफ सेल से भी फास्टैग ले सकते हैं। पूरे देश में 30 हजार पॉइंट ऑफ सेल पर फास्टैग उपलब्ध हैं। ड्राइविंग लाइसेंस और वाहन के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की कॉपी जमा करके फास्टैग खरीदा जा सकता है। बैंक केवाईसी के लिए यूजर्स के पैन कार्ड और आधार कार्ड की कॉपी भी मांगते हैं। नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने फास्टैग की कीमत सौ रुपये तय की है। इसके अलावा दो सौ रुपये सिक्योरिटी डिपॉजिट देनी पड़ती है। हालांकि, बैंकों की दर अलग-अलग हो सकती है। कई बैंक अपनी भागीदारी बढ़ाने के लिए समय-समय पर मुफ्त या मामूली कीमत में भी फास्टैग ऑफर करते हैं।