शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : आज हमारे देश का मतदाता शिक्षित और बहुत समझदार है । मौजूदा समय में राजनीतिक दलों के नेताओं को उन्हें अपने पाले में लाने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ रही है । एक दौर ऐसा भी था जब अशिक्षित वोटर नेताओं के लोकलुभावन वादों में फंस जाते थे, लेकिन आज मतदाता पूरी तरह से ठोक बजाकर फैसला करता है, कौन से प्रत्याशी का चुनाव गलत है या सही है । वह जानता है कि हमें देशहित में क्या फैसला लेना है । ‘किसी भी लोकतांत्रिक व्यवस्था में वोटर का सबसे बड़ा हथियार और अधिकार वोट देने का माना जाता है, क्योंकि एक-एक वोट से सरकारें बनती हैं । मतदाता के पास वह ताकत होती है कि वह सरकार बना भी सकता है और बदल भी सकता हैै’ । जी हां आज 25 जनवरी है । इस दिन देश में राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है । इस लोकतांत्रिक मौके पर प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र के सभी चुनावों में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है। राष्ट्रीय मतदाता दिवस का भारत में अपना ही महत्व है क्योंकि देश का भविष्य आने वाले नेता के चुनाव में निहित रहता है, इन नेताओं को हम वोट देकर चुनते हैं। बता दें कि देश में जितने भी चुनाव होते हैं, उनको निष्पक्षता से संपन्न कराने की जिम्मेदारी निर्वाचन आयोग की होती है। 25 जनवरी 1950 को भारत के चुनाव आयोग की स्थापना दिवस को मनाने के लिए 2011 से हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य नए मतदाताओं को प्रोत्साहित करना, सुविधा प्रदान करना, अधिकतम नामांकन करना है, इसके साथ मतदाताओं में जागरूकता फैलाने और चुनावी प्रक्रिया में सूचित भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है। जैसा कि आप लोगों को मालूम होगा पहले मतदाता की पात्रता आयु 21 वर्ष थी लेकिन 1988 में इसे घटाकर 18 साल कर दिया गया था। मौजूदा समय में भारत में वोटिंग के लिए 18 साल की आयु निर्धारित है। इसके बाद वह सभी प्रकार के लोकतांत्रिक चुनावों में वोट डाल सकता है।
वोटर कार्ड अब पूरी तरह होगा डिजिटल, मतदाताओं को आज मिलेगी सौगात :-
बता दें कि चुनाव आयोग ने 1993 में मतदाता पहचान पत्र की शुरुआत की थी, जो पहचान और पता के लिए एक स्वीकार्य सुबूत है। अभी आधार कार्ड, स्थायी खाता संख्या (पैन) और ड्राइविंग लाइसेंस डिजिटल मोड में उपलब्ध हैं। राष्ट्रीय मतदाता दिवस के उपलक्ष पर मतदाताओं को एक सौगात मिलने जा रही है। केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद आज वोटर आइडेंटिटी कार्ड (मतदाता पहचान पत्र) का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण लांच करेंगे। मतदाता इस इलेक्ट्रॉनिक पहचान पत्र को अपने मोबाइल फोन या निजी कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकेंगे । बता दें कि प्रक्रिया के तहत जैसे ही मतदाता का मोबाइल नंबर चुनाव आयोग की मतदाता सूची में दर्ज होगा, वैसे ही एप के जरिये उसे मेल और एक संदेश फोन पर प्राप्त होगा, इसमें सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पासवर्ड के तौर पर ओटीपी की सुविधा रहेगी। इसमें दो क्यूआर कोड भी होंगे । इनमें वोटर्स और एरिया की पूरी जानकारी शामिल होंगी। चुनाव आयोग वोटर आईडी कार्ड की हार्ड कापी का विकल्प भी जारी रखेगा और इसके लिए 25 रुपये का शुल्क लगेगा। डिजिटल व्यवस्था से कार्ड खोने और नए कार्ड प्राप्त करने के झंझट से मुक्ति मिलेगी, साथ ही आयोग को भी कार्ड की डिलीवरी से राहत मिलेगी।
लोकतांत्रिक देश में मतदाता पहचान पत्र का होता है महत्व :-
बता दें कि लोकतांत्रिक देश में मतदाता पहचान पत्र का महत्व माना जाता है । भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, यहां आए दिन चुनाव का उत्सव लगा रहता है । अभी कुछ महीनों बाद ही देश में पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं । चुनाव के दौरान मतदान करने के लिए वोटर आईडी कार्ड होना आवश्यक होता है, वोटर आईडी कार्ड इस बात का प्रमाण होता है कि आप भारत के नागरिक है । वोटर कार्ड एक पहचान पत्र के रूप में भी मान्य होता है इसके अलावा कई जगहों पर इसे स्थायी पते के लिए प्रमाण के रूप में जमा करते हैं । चुनाव आयोग ने चुनाव के दौरान होने वाली धोखाधड़ी से सुरक्षा के लिए वोटर आईडी कार्ड प्रणाली की शुरुआत की, जिसके अंतर्गत एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते वोट देने का अधिकार संविधान में दिया गया है । पहले वोटर आईडी कार्ड बनवाने में बहुत समस्याएं आती थी और नजदीकी सरकारी कार्यालयों में जाकर लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ता था, लेकिन आज घर बैठे ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से वोटर आईडी कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। अब इस बार निर्वाचन आयोग ने इसे और सरल प्रक्रिया बना दिया है, यानी अब पूरा वोटर कार्ड डिजिटल पर आधारित होगा ।