शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : आज हम बॉलीवुड के एक ऐसे निर्माता-निर्देशक की बात करेंगे जिन्होंने फिल्मी दुनिया में कई कलाकारों को ब्रेक दिया और उनकी किस्मत चमकाई । यही नहीं उनकी निर्देशित अधिकांश फिल्में सुपरहिट भी रही ।लेकिन खुद अपने आप को फिल्म इंडस्ट्रीज में एक्टर के तौर पर स्थापित नहीं कर सके । जी हां आज 24 जनवरी है । इस दिन फिल्म इंडस्ट्रीज के मशहूर डायरेक्टर सुभाष घई का जन्मदिन है । आज भले ही थोड़ा उनका मार्केट ठंडा है लेकिन 20 वर्ष पहले उनकी डायरेक्शन की बॉलीवुड में तूती बोलती थी । सुभाष के जन्मदिन पर आइए जानते हैं उनकी निजी और फिल्मी जीवन की लंबी यात्रा कैसी रही । इसके लिए हम आपको महाराष्ट्र के शहर नागपुर लिए चलते हैं । जी हां यह वही शहर है जहां उनका जन्म हुआ था । सुभाष घई का जन्म नागपुर में 24 जनवरी 1945 को हुआ, आज वे अपना 76वां जन्मदिन मना रहे हैं । उन्होंने रोहतक से ग्रेजुएशन की और उसके बाद पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से ‘ग्रेजुएट इन सिनेमा’ करने चले गए । अपनी डिग्री पूरी करने के बाद वे करियर बनाने मुंबई आ गए, लेकिन फिल्म लाइन में पैर जमाना उनके लिए आसान नहीं था। सुभाष घई को भी 70 के दशक में स्थापित होने के लिए हिंदी सिनेमा में बहुत मेहनत करनी पड़ी । उसी दौरान उन्होंने यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स फिल्मफेयर टैलेंट कॉन्टेस्ट में एंट्री ली और टॉप-3 में उनका सेलेक्शन भी हो गया । इस कंपटीशन में सुभाष के अलावा राजेश खन्ना और धीरज कुमार भी थे। कंपटीशन के एक साल बाद सुभाष को अपना पहला रोल मिला। सुभाष घई ने बतौर एक्टर तकदीर और ‘आराधना’ जैसी फिल्मों में छोटे रोल कर फिल्म इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरुआत की थी। 1970 में आई फिल्म ‘उमंग’ और 1976 में आई फिल्म गुमराह में उन्हें लीड रोल मिला, लेकिन अभिनेता के तौर पर वे इंडस्ट्री में अपने पैर नहीं जमा पाए। उसके बाद सुभाष फिल्म निर्माण के क्षेत्र में आ गए, यहां से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा ।
1976 में आई फिल्म ‘कालीचरण’ से सुभाष को फिल्म इंडस्ट्रीज में मिली पहचान :-
वर्ष 1976 की बात है जब सुभाष घई फिल्म कालीचरण से फिल्म निर्माण के क्षेत्र में उतरे । यह फिल्म उस दौर की इतनी बड़ी सुपरहिट थी कि सुभाष के साथ शत्रुघ्न सिन्हा को भी फिल्म इंडस्ट्रीज में रातों रात स्टार बना दिया । कालीचरण की सफलता के बाद सुभाष घई फिल्म इंडस्ट्रीज के उस मुकाम पर पहुंच गए जहां बड़े-बड़े नहीं पहुंच पाए । फिल्म निर्माण के क्षेत्र में लंबे दशक से स्थापित सुभाष ने कभी भी एक तरह की फिल्मों को दोहराया नहीं। उन्होंने रोमांटिक, म्यूजिकल, थ्रिलर, देशभक्ति समेत हर तरह की फिल्में बनाई। उनकी चर्चित फिल्मों में ‘कालीचरण’, ‘विश्वनाथ’, ‘कर्ज’, विधाता’, ‘हीरो’, मेरी जंग’, ‘कर्मा’, ‘राम लखन’, सौदागर’, ‘खलनायक’ ‘परदेस’, ताल’, ‘यादें’ शामिल हैं। यहां हम आपको बता दें कि सुभाष घई ने अपने हिंदी सिनेमा करियर में करीबन 16 फिल्में लिखीं और निर्देशित की। जिनमे से 13 फिल्म बॉक्स-ऑफिस पर ब्लॉक-बस्टर हिट साबित हुई। साल 2006 में उन्हें सामाजिक फिल्म ‘इकबाल’ के लिए राष्ट्रीय सम्मान से भी पुरस्कृत किया गया।
सुभाष घई ने इन कलाकारों को फिल्म इंडस्ट्रीज में किया स्थापित :-
अब बताते हैं सुभाष घई ने किन कलाकारों को ब्रेक दिया । जैकी श्रॉफ, रीना रॉय, मीनाक्षी, माधुरी दीक्षित, मनीषा कोइराला और महिमा चौधरी अभिनेत्रियों का नाम शामिल है। इसके अलावा शत्रुघ्न सिन्हा, संजय दत्त का भी फिल्मी करियर सुभाष ने आगे बढ़ाया । बॉलीवुड में एक से बढ़कर एक फिल्में बनती रही हैं। हर फिल्म के साथ जहां दर्शकों के दिलों में एक्टर के लिए खास जगह बनती है तो वहीं पर्दे के पीछे रहने वाले फिल्म के निर्देशक का नाम भी सम्मान से लिया जाता है । बता दें कि इन दिनों सुभाष घई विसलिंग वूड्स नाम से एक एक्टिंग इंस्टीट्यूट चला रहे हैं। ये स्कूल दुनिया के टॉप 10 फिल्म स्कूलों में से एक माना जाता है। इस एक्टिंग स्कूल में वे नए कलाकारों को अभिनय और फिल्म निर्माण की ट्रेनिंग दे रहे हैं। वे बॉलीवुड के पहले ऐसे प्रोड्यूसर हैं, जिन्होंने अपनी फिल्म ताल के जरिए फिल्म इंश्योरेंस पॉलिसी की शुरुआत की। फिल्मों को बैंक से फाइनेंस करवाने का कॉन्सेप्ट शुरू करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।