देश में चल रहे कोरोना महामारी के बीच पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर आज निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों को प्रचार, रैलियों और जनसभाओं को लेकर कुछ और राहत दी है। आयोग के नए आदेश का नेताओं को इंतजार था। इसी को मद्देनजर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने सोमवार दोपहर दिल्ली में महत्वपूर्ण बैठक की। सुशील चंद्रा ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव से मुलाकात के बाद रैलियों पर बैन के संबंध में फैसला लिया। चुनाव आयोग की तरफ से बताया गया है कि एक हजार लोगों के साथ नेता जनसभा कर सकते हैं। पहले खुली जगहों पर 500 लोगों के साथ जनसभा की इजाजत थी।
ऐसे में मैदान की 50 फीसदी क्षमता के साथ नेता जनसभा कर सकते हैं। हालांकि बड़ी रैलियों पर रोक अब भी जारी रहेगी । बता दें कि आज नए फैसले में निर्वाचन आयोग ने इनडोर और डोर-टू-डोर कैपेनिंग को लेकर भी कुछ राहत दी गई हैं। इनडोर की अगर बात करें तो इसमें 500 लोगों के साथ मीटिंग की छूट दी गई है। जो पहले 300 लोगों तक सीमित थी। वहीं डोर-टू-डोर में 20 लोग एक साथ चुनाव प्रचार करने जा सकते हैं। इससे पहले ये संख्या 10 लोगों की थी। लेकिन तमाम बड़ी रैलियों और चुनावी यात्राओं पर 11 फरवरी तक रोक जारी रहेगी।
बता दें कि बीते 22 जनवरी को हुई पिछली बैठक के दौरान आयोग ने पांचों राज्यों में प्रत्यक्ष रैली और रोड शो पर जारी प्रतिबंध को 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दिया था, हालांकि जिन विधानसभा क्षेत्रों में पहले दो चरणों में मतदान होने हैं, वहां अधिकतम 500 लोगों की उपस्थिति में जनसभा करने की अनुमति दी थी, साथ ही घर-घर जाकर प्रचार के नियमों में छूट मिली।