शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : आज प्रत्येक देशवासियों के लिए बहुत ही गौरव का दिन है । एक ऐसी भाषा जो पूरे देश के लोगों को एक सूत्र में पिरोए रखती है। इसमें मिठास और अपनापन है। भारत की शान भी बढ़ाती है यह भाषा। आज 10 जनवरी है। आज विश्व हिंदी दिवस है। वैसे तो हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है लेकिन आज यह अंतरराष्ट्रीय विश्व हिंदी दिवस है।आइए इस मौके पर अपनी राष्ट्रभाषा को लेकर चर्चा की जाए। मातृभाषा भाषा के रूप में दुनिया की चौथी बड़ी भाषा है । एक सर्वे के मुताबिक दुनिया में करीब 63.7 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं। बता दें कि आज कई देशों में हिंदी बोलने वालों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है यही नहीं कई देश हिंदी को और आगे बढ़ा भी रहे हैं । वैसे तो अंग्रेजी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है, चीन की मंदारिन दूसरे स्थान पर है। ऐसा माना जाता है कि हिंदी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में पांचवें स्थान पर है, यह हर भारतीय के लिए गौरव की बात है। आठ देशों में बोली जाती है हिंदी भाषा । हिंदी भाषा विश्व में अधिकतम जनसंख्या द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भारत के अतिरिक्त हिंदी भाषा नेपाल, मॉरीशस, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद और टोबैगो और फिजी जैसे अन्य देशों में भी बोली जाती है। विश्व हिंदी दिवस के मौके पर दुनियाभर में निबंध प्रतियोगिताओं सहित कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
10 जनवरी 2006 से विश्व हिंदी दिवस मनाने की हुई थी शुरुआत :-
बता दें कि इसे सबसे पहले 10 जनवरी 2006 को मनाया गया था। जब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी। 45 साल पहले विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी 1975 को नागपुर में हुए पहले विश्व हिंदी सम्मेलन के महत्व को याद करने के लिए मनाया जाता है, जबकि राष्ट्रीय हिंदी दिवस 14 सितंबर को मनाया जाता है। दरअसल 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा और देवनागरी को आधिकारिक लिपि के रूप में अपनाया था। विश्व हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य दुनिया में हिंदी को बढ़ावा देना है। यही वजह है कि दुनिया भर में फैले भारतीय दूतावास इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित करते हैं। उसके बाद मॉरीशस, त्रिनिदाद एंड टुबैगो, यूनाइटेड किंगडम, सूरीनाम, अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका और फिजी में 12 ऐसे सम्मेलन हो चुके हैं। विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार हिंदी विश्व की शक्तिशाली भाषाओं में से एक है। हिंदी भाषा को लेकर कुछ इस प्रकार से अभिव्यक्ति की गई है। राष्ट्रीय भाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है, महात्मा गांधी । हिंदी राष्ट्र की अभिव्यक्ति का सरलतम स्रोत है, सुमित्रानंदन पंत । हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है, कमलापति त्रिपाठी । जिस देश को अपनी भाषा और साहित्य पर गर्व नहीं है, वह देश आगे नहीं बढ़ सकता, डॉ राजेंद्र प्रसाद । हिंदी के प्रचार और विकास को कोई नहीं रोक सकता, पंडित गोविंद बल्लभ पंत ।
राष्ट्रभाषा हिंदी का विश्व के कई देशों में कायम है वर्चस्व :-
पिछले कुछ वर्षों से हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी ने दुनिया भर में अपना डंका बजाया है । सही मायने में यह भाषा विश्व पटल पर सबसे तेजी के साथ बढ़ी है । वर्तमान में विश्व के सैकड़ों विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है और पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हिंदी बोलते हैं। यही नहीं हिंदी दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली पांच भाषाओं में से एक है। दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया में फिजी नाम का एक द्वीप है । फिजी में हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है। इसे फिजियन हिंदी या फिजियन हिंदुस्तानी भी कहते हैं, यह अवधी-भोजपुरी और अन्य बोलियों का मिलाजुला रूप है। इसके अलावा पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, साउथ अफ्रीका और मॉरिशस समेत कई देशों में हिंदी बोली जाती है। यहां आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी दे देंगे साल 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में पहली बार ‘अच्छा’, ‘बड़ा दिन’, ‘बच्चा’ और ‘सूर्य नमस्कार’ जैसे हिंदी शब्दों को शामिल किया गया था। आपने देखा होगा विश्व के कई राष्ट्राध्यक्ष जब भारत दौरे पर आते हैं तब उन्हें हिंदी में संबोधन करना बहुत ही अच्छा लगता है ।