बदलतें मौसम की बीमारियों में होम्योपैथिक औषधियां बेहद कारगर – डा0 राजेन्द्र सिंह

आज हम बात करते है अपने देश भारत की जहां हर वर्ष मौसम में तीन बार परिवर्तन होता है गर्मी वर्षा एवं सर्दी। ऐसे में मौसम के परिवर्तन मे हमारे शरीर में बदलाव के कारण बीमारियां जन्म लेने लगती हैं क्योंकि हमारा शरीर मौसमी तापमान के लिए तैयार नहीं रहता हैं।

अब आपको बता दे कि सर्दी के मौसम के तुरंत बाद गर्मी की शुरूआत में अमूमन होने वाली बीमारियों मे होम्योपैथिक औषधियां बहुत कारगर साबित होती हैं। यह कहना हैं उत्तराखंड होम्योपैथिक विभाग के निदेशक डा0 राजेन्द्र सिंह का।

डा0 सिंह ने बताया कि अचानक आए सख्त गर्मियों के वजह से दिमाग, फेफड़ा, यकृत, गुर्दा मेनिन्जाइटिस, ब्रान्काइटिस, हपाटाइटिस, पेरिटोनाइटिस, एन्टेराइटिस, परिकाडाइटिस, प्लुराइटिस एवं कही पर भी अचानक सुजन का हो जाना ऐसी तमाम समस्याएं आप होम्योपैथिक से जड़ से खत्म हो जाती है।

यहां आप जाने ले कि किस आप किस बीमारी के लिए कौन सी दवां का प्रयोग का सकते है।

2 एपिस मेल 30
गर्मियों के मौसम मे कही पर सुजन एलैर्जी एजकामएछीकें पित्ती उछलना प्यास न लगना आदि मे काम करती है।

नैट मुर 30
छीकें नाक से पानी जुकाम एलैर्जीए नमक खाने की इच्छा पानी की प्यास लगने पर आदि

पलसेटीला 30
मुख सूखा परन्तु प्यास नही एपानी नही पीता है बन्द कमरे मे दम घुटता है खासी जुकाम बुखार आदि मे अच्छा कार्य करती हैं

ब्रायोनिया30
दर्द जुकामए खासी ब्रान्काइटिस बुखार पड़े रहने की इच्छा स्टूल न ह़ोना प्यास अधिक मात्रा में लगना आदि में अच्छा कार्य करती हैं।

जेलसेमियम30
गर्मियों के मौसम मे जुकाम बुखार छीकें प्यास नलगना पड़े रहने की इच्छा एबम कमजोरी मैहसूस होने पर यह भी अच्छा कार्य करती है।इसी प्रकार दस्तो मे पोडोफाइलम200 दिन चार बार देनेपर आराम हो जाता हैं।

बेलाडोना200
बुखारए कफएछींकएसर दर्द चेहरा लाल एलैर्जी आदि मे कार्य करतीं है।

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