उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय में ह्यूमन ट्रेफिकिंग को रोकने के लिये हुआ मंथन

देहरादून/स्वप्निप : गुरुवार को उत्तराखंड पुलिस  महानिदेशालय में राष्ट्रीय महिला आयोग व उत्तराखण्ड पुलिस अवर्नेश और कपिसिट बिल्डिंग ऑन एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग विषय पर पुलिस लाईन देहरादून में एक कार्यशाला आयोजित करायी गयी। इस कार्यशाला का उद्देश्य सभी स्टेक होल्डर्स को ह्यूमन ट्रेफिकिंग जैसे संगठित अपराध के सम्बन्ध में और अधिक जागरूक करना तथा अपराध की रोकथाम हेतु कपिसिट बिल्डिंग
को बढ़ाना ।
इस अवसर पर राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंड़वाल ने कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए अवगत कराया गया कि बेटियों की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। हमें गांव में जाकर कार्यशाला आयोजित कर सभी को इस अपराध के बारे में जागरूक करना चाहिए।
वही एडीजी अमित सिन्हा ने बताया गया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग की प्रभावी रोकथाम हेतु गुमशुदा व्यक्तियों विशेषकर महिलाओं व बच्चों की गुमशुदगी की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्यवाही करते हुए गुमशुदाओं को तलाश किये जाने का प्रयास किया जाना चाहिए। पुलिस को आधुनिकतम तकनीक का उपयोग कर गुमशुदाओं को तलाश किये जाने के हरसम्भव प्रयास किये जाने चाहिए।
साथ ही सदस्य सचिव, राष्ट्रीय महिला आयोग मीनाक्षी नेगी ने इस कार्यशाला को आयोजित कराने में उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा किये गये सहयोग हेतु धन्यावाद दिया गया तथा बताया गया कि ह्यूमन ट्रैफिकिंग को रोकने हेतु उसके मूल कारण को जानने की आवश्यकता है। प्रत्येक राज्य व क्षेत्र में ह्यूमन ट्रैफिकिंग के अलग-अलग कारण होते हैं। ह्यूमन ट्रैफिकिंग मुख्यतः यौन शोषण, घरेलू दासता, मानव अंगों के प्रत्यारोपण, बलात् श्रम, सेरोगेसी आदि कारणों हेतु की जाती है। इस अपराध की रोकथाम हेतु सभी विभागों को आपसी समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है।
इस दौरान एडीजी नीलेश आनन्द भरणे, आईजी गढ़वाल के0एस0 नागन्याल, डीआईजी पी0रेणुका देवी, मोहम्मद समून, कमल पंत सहित उत्तराखण्ड वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक, देहरादून, टिहरी, पौड़ी गढ़वाल. उत्तरकाशी, जीआरपी, एण्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के नोडल अधिकारी, आई0टी0बी0पी0, बाल कल्याण समिति, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, महिला कल्याण विभाग, श्रम विभाग, एन0जी0ओ0, राजकीय रेलवे पुलिस व पुलिस के अन्य अधिकारियों सहित लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया।