देहरादून/ स्वप्निल : उत्तराखंड में हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेल में पूरे देश के हजारों खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया। इसमें तमाम प्रतिस्पर्धाएँ खेली गई और खिलाड़ियों ने खूब मैडल भी बटोरे, वही अंतिम दिन जन उजाला के संपादक स्वप्निल ने जिम्नास्टिक के अलग अलग खेलों में पदक विजेता महाराष्ट्र और गुजरात की खिलाड़ियों से बात कर उनका अनुभव जाना।
*एक दिन जिम्नास्टिक में भारत के लिए गोल्ड लाऊंगी – शुभश्री*
महाराष्ट्र की 11वीं कक्षा की छात्रा और जिम्नास्टिक खिलाड़ी शुभश्री उदयसिंह मोरे ने ने बताया कि खेल ही उनके जीवन का उद्देश्य बन गया है। वह, गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं, और उनकी इच्छा है कि वह ओलंपिक के भारत के लिए गोल्ड मेडल जीत कर अपने परिवार और देश का नाम रौशन करना चाहती हैं। उन्होंने 38वे राष्ट्रीय खेल में अपने पदक को अपने परिवार और अपने कोच को समर्पित किया है।
*मेरा सपना है कि मैं ऑलंपिक में अपने देश को गोल्ड दिलाऊं – किमाया*
महज 18 वर्ष की महाराष्ट्र मुंबई की खिलाड़ी किमाया अमलेश कार्ले महज़ 18 वर्ष की उम्र में 2 गोल्ड मेडल और 1 सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं, उनका कहना है कि वह भारत के लिए ऑलंपिक मेडल जीत कर अपने देश का नाम रौशन करना चाहती हैं। साथ ही उन्होंने 38वें राष्ट्रीय खेल का उत्तराखंड यह पोडियम सबसे बेस्ट है यहां खेल कर इंटरनेशनल फिलिंग हुई।
*38वें राष्ट्रीय खेल की सुविधाओं का कायाल हो चुका हूं – परेश भाई*
महज़ 26 साल के गुजरात के खिलाड़ी कौशाम्बिया मीत परेश भाई ने बताया कि वह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में टैक्स असिस्टेंट का काम करते हैं। इस राष्ट्रीय खेल में अब तक 1 गोल्ड, 1 सिल्वर, और 1 ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं। उन्होंने बताया कि वह अपने आगे की जर्नी में वह खेल की अहमियत देते रहेंगे और उनका लक्ष्य देश के लिए मेडल जीतना है। साथ ही उन्होंने बताया कि उन्हें उत्तराखंड में खेल की तमाम आधुनिक सुविधाओं की जमकर सराहना की।