नवरात्रि के 4 दिन क्यों होती माता कुष्मांडा की पूजा ? – जन उजाला विशेष

देहरादून / रूपाली भंडारी : आज नवरात्रि का चौथा दिन है आज के दिन मां कूष्मांडा की पूजा होती है। यह दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। जब सृष्टि की रचना नहीं हुई तो मां के इसी रूप ने सृष्टि को आकार दिया था। ये ही आदिशक्ति हैं , यह ताकतवर और ज्ञान की पर्याय हैं। इनके हाथों में कमंडल, धनुष, बाण, कमलपुष्प, अमृत-पूर्ण कलश, चक्र तथा गदा रहते हैं।

मां दुर्गा ने असुरों के अत्याचार से संसार को मुक्त करने के लिए मां कुष्मांडा का अवतार लिया था। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने अपनी केवल एक ही मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना की थी। इसीलिए इन्हें सृष्टि की आदिशक्ति कहा गया है।

माता कुष्मांडा की पूजा करने से भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। ये देवी अत्यल्प सेवा और भक्ति से ही प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। सच्चे मन से पूजा करने वाले को सुगमता से परम पद प्राप्त होता है।