फिल्म समीक्षा : 24 से ज्यादा बच्चों को मारकर खाया उनका मांस ‘दिल दहला देने वाली है Sector-36 की कहानी’ – जन उजाला विशेष

दरिंदगी की सारी हदें पार कर देने वाली कहानी पर बनी फिल्म ‘सेक्टर 36’ पर जन उजाला संवाददाता वरदा शर्मा की समिक्षात्मक रिपोर्ट :- 

लंबे इन्तजार के बाद 13 सितम्बर को आई विक्रांत मैसी और दीपक डोबरियाल स्टारर फ़िल्म सेक्टर 36 हाल ही में ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हो गई है। यह फ़िल्म सच्ची घंटनाओ पर आधारित है फ़िल्म में गांव में हुए हत्याकांड में  कौन कौन शामिल था यह दर्शाया गया है। इस फ़िल्म में विक्रांत प्रेम नाम के एक साइको किलर का रोल निभा रहे है विक्रांत ने इस किरदार को बड़ी ही बखूबी से मूवी में निभाया है।

बता दें कि विक्रांत मैसी जिन्होंने 12 वी फ़ैल फ़िल्म में मनोज कुमार शर्मा का किरदार निभाकर खूब प्रशंसा बटोरी। उनकी हाल ही में रिलीज़ हुई मूवी सेक्टर 36 में वह एक सीरियल किलर की भूमिका निभाते हुई नज़र आ रहे है यह फ़िल्म 2006 में हुए नोएडा के सेक्टर 31 के निठारी गांव में हुए हत्याकांड पर आधारित है जहा 24 बच्चों को एक साइको किलर मौत के घाट उतार देता है।

इतनी खौफनाक है सेक्टर 36 की कहानी?

फ़िल्म में विक्रांत प्रेम का किरदार निभाते हुए नज़र आ रहे है जिसे रोज चिकन खाना और साथ ही में उसे अपना फेवरेट शो करोड़पति देखना बहोत पसंद है शो खत्म होने के बाद प्रेम बाथरूम में जाता है। जहाँ उसने एक लड़की को रखा हुआ था वह उसके टुकड़े टुकड़े कर देता है इस घटना को वह बिजनेसमैन बस्सी की कोठी पर अंजाम देता है। फ़िल्म में प्रेम का दूसरा रूप भी सबको देखने को मिलता है जहाँ वह अपने परिवार से बेहद प्यार करता है पर आस पास के गाँव में रहने वाले बच्चों और लोगो को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार देता है वही फ़िल्म के दौरान पुलिस की लापरवाही को भी दर्शाया जाता है जहाँ वह गायब बच्चों की रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद भी सब इंस्पेक्टर राम चरण पांडे कोई कदम नहीं उठाते है। इस मामले में पुलिस अधिकारी तब तक कोई कदम नहीं उठाते है जब तक बात उनकी खुदकी बेटी पर नहीं आ जाती जिसे प्रेम रामलीला के मेले से ले जाने लगता है जिसके बाद पुलिस हरकत में आती है और कारवाही शुरू करती है।

बचपन में हुए शोषण ने कैसे बदली प्रेम की कहानी !

बचपन में प्रेम के मामा उसके साथ शारीरिक शोषण करते थे प्रेम के मामा की एक मांस की दुकान थी जिसमे वह उसको बंद किया करते थे प्रेम अत्याचार से तंग आकर एक दिन अपने ही मामा की जांघ पर चाक़ू से वार करता है। यह वही चाक़ू होता है जिससे वह चिकन काटा करता था इस घटना को अंजाम देने के बाद प्रेम अपने मामा के शरीर के टुकड़े टुकड़े कर देता है और उनके शरीर के मांस को खाने लगता है वही दूसरी और पुलिस अपनी तहकीकात में  लगी हुई है। जिसके दौरान उन्हें यह पता चलता है की इन सभी क्राइम के पीछे बस्सी के नौकर प्रेम का हाथ है। पुलिस जब प्रेम से पूछताछ करती है तो इस दौरान प्रेम बताता है की कैसे उसे मांस खाने की लत अपने मामा को मारकर उनका मांस खाने से पड़ी थी जिससे उससे 2,3 महीनों मे मांस खाने की लत पड़ जाती है। पूछताछ के दौरान एक और बात सामने आती है की हत्याकांड में  प्रेम का मालिक जो की डीसीपी का दोस्त है वह भी इन सब में शामिल है पर डीसीपी सारा गुनाह प्रेम पर डालकर अपने दोस्त बस्सी को बचा लेता है इस पुरे केस की छानबीन के बीच ऑफिसर राम चरण पांडे भी अपनी जिंदगी गवा देते है।

कैसा है किरदारों का अभिनय ?

विक्रांत मैसी ने भी साइको किलर की भूमिका में अपना किरदार बहुत ही बखूबी से निभाया है उनके एक्सप्रेशन और एक्टिंग फ़िल्म में प्रशंसा जनक है। वही लोगो ने भी विक्रांत के इस किरदार की बहोत प्रशंसा की वही दूसरी ओर दीपक डोबरियाल ने फ़िल्म में राम चरण पांडे के रूप में एक प्रशंसा जनक और भावनात्मक प्रदर्शन किया उनके किरदार का सफर एक बेपरवाह पुलिस कर्मचारी से लेकर एक जिम्मेदार इंसान बनने तक दिखाया गया है इसके आलावा भी सपोर्टिंग स्टारकास्ट ने भी अपने रोल्स काफ़ी अच्छे से निभाए है।