यू तो हमारे समाज की बेटियां आज हर क्षेत्र में अपना हुनर दिखा रही हैं चाहे वो इंजीनियरिंग हो डॉक्टर या टीचर ही क्यों ना हो, आज महिलाएँ हर जगह पुरुषो के साथ कंधे से कंधा मिला कर चल रही हैं इनमें से एक क्षेत्र मनोरंजन का भी आता है। जहां कला, संगीत, नृत्य, वादन अथवा छोटे परदे से लेकर बड़े परदे तक हर जगह महिलायें अपना हुनर प्रदर्शित कर रही है। महिलाओं के लेखन पर बनी फिल्मों पर जन उजाला संवाददाता वरदा शर्मा की विशेष रिपोर्ट :-
किसी भी फिल्म बनाने के लिये उसकी कहानी का दमदार होना बेहद जरुरी होता है। अगर फिल्म की कहानी पसंद आ गई तो उस लेखक को फिल्म निर्माता और निर्देशक द्वारा काम भी दिया है। तो आइये जानते है ऐसी ही कुछ महिला लेखिकाओं की कहानी पर बनी फिल्मों को –
1 – फिल्म ‘लापता लेडीज’ (स्नेहा देसाईं दिव्यांनिधि)
लापता लेडीज़ मूवी दो औरतो के उपर आधारित है जो अपने विवाह के बाद अपने अपने पति के साथ अपने ससुराल जा रही थी इसी बीच दोनों की अदला बदली हो जाती है यह फ़िल्म ये भी दर्शाती है की हमारे इस समाज में महिलाओं को अपने सपने पुरे करने के लिए किन किन मुसीबतों और चुनौतीयो का सामना करना पड़ता है। इस फ़िल्म को स्नेहा देसाईं दिव्यांनिधि शर्मा द्वारा लिखा गया है।
2 – फिल्म ‘कला’ (अनविता दत्त)
इस फ़िल्म में तृप्ति डिमरी मुख्य अदाकारा का रोल निभा रही है, इस फ़िल्म में आजादी के बाद की संगीत की दुनियां दिखायी गई है किस्सा 40 के दशक की फिल्मो की सफल गायिका का है जिसकी सफलता के पीछे एक राज छुपा हुआ है कला का अतीत उसके सामने साये की तरह घूमता रहता है इस फ़िल्म को अनविता दत्ता द्वारा लिखा और डायरेक्ट किया गया है।
3- फिल्म ‘हसीन दिलरुबा’ (कनिका ढिल्लों)
हसीन दिलरुबा फिल्म में तापसी पन्नू मुख्य भूमिका निभाती हुई नज़र आती है यह फिल्म एक प्यार और धोखे की कहानी पर आधारित है इस फिल्म को कनिका ढिल्लों ने लिखा है इस फिल्म को ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लोगो द्वारा काफ़ी प्रशंसा प्राप्त हुई। वही इसके दूसरे भाग फिर आई हसीन दिलरुबा को भी कनिका ढिल्लों द्वारा ही लिखा हैं।
4 – फिल्म ‘शाबाश मिठ’ (प्रिया अवेन)
इस फ़िल्म में तापसी पन्नू मुख्य भूमिका निभाती हुई नज़र आ रही है यह फ़िल्म मशहूर क्रिकेटर मिताली राज के जीवन पर आधारित है फ़िल्म में मिताली के बचपन से लेकर क्रिकेटर बनने तक का सफर दर्शाया गया है उस सफर के बीच उन्हें कितनी परेशानियों और कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है यह सब फ़िल्म मे दिखाया गया है इस फ़िल्म को प्रिया अवेन द्वारा लिखा गया है।
5- फिल्म ‘बुलबुल’ (अनविता दत्ता)
यह एक सुपरनेचुरल फ़िल्म है इस फ़िल्म में तृप्ति डिमरी मुख्य अदाकारा की भूमिका निभा रही है। फ़िल्म एक यंग ब्राइडल बुलबुल नामक लड़की पर आधारित है जिसका बचपन में ही बाल-विवाह करा दिया जाता है इस फ़िल्म में बाल-विवाह, शोषण जैसे मुद्दों को दर्शाया गया है इस फ़िल्म को अनविता दत्ता द्वारा लिखा और डायरेक्ट किया गया और अनुष्का शर्मा द्वारा प्रोड्यूस किया गया था।
6 – फिल्म ‘थैंक्यू फॉर कमिंग’ (प्राशाष्ति सिंह और राधिका आनंद)
फ़िल्म मे भूमि पेंड़नेकर लीड रोल निभा रही है फ़िल्म की कहानी एक 30 साल की महिला की है जो की एक फ़ूड ब्लॉगर है जिसने अभी तक अपने जीवन में सेक्सुअल सेटिस्फैक्शन नहीं मिला है लेकिन इसी बीच उसकी सगाई के दिन कुछ ऐसा होता है जिससे उसके जीवन में एक नया मोड़ आता है फ़िल्म को प्राशाष्ति सिंह और राधिका आनंद द्वारा लिखा गया है।
7- फिल्म ‘सुखी’ (राधिका आनंद और पौलमी दत्ता)
इस फ़िल्म में शिल्पा शेट्टी 38 वर्ष की सुखी का किरदार अदा कर रही है जो की अपने शादी के बाद घर परिवार की जिम्मेदारियों में अपने आप को कही खो देती है जब सुखी को अपने स्कूल में होने वाले रीयूनियन के बारे में पता चलता है तो वह उसमे जाने को कहती है पर सुखी के पति और बेटी को इससे आपत्ति होती है फ़िल्म की कहानी महिलाओं के रोज़ाना के गृहस्थ जीवन में आने वाली परेशानियों और उसमे उन्हें क्या क्या सहना पड़ता है इन सभी को भी दर्शाती है इस फ़िल्म को राधिका आनंद और पौलमी दत्ता द्वारा लिखा गया और इसे डायरेक्ट सोनल जोशी ने किया है।
ऐसे में महिलाओं को इस प्रतिभा पर जन उजाला उनकी प्रशंसा करता है और समाज में महिलाओं के प्रति अपनी नजरिएं को बदलने हेतु निवेदन भी करता है।