सोमवार को राजधानी देहरादून के डी .बी.एस. (पी०जी०) कॉलेज में भारतीय ज्ञान परंपरा प्रकोष्ठ के वॉल मैगजीन अन्वीक्षा का लोकार्पण एवं संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
वही इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में वैदिक साधन आश्रम नालापानी तपोवन देहरादून से स्वामी योगेश्वरानन्द सरस्वती ने शिरकत किया।
साथ ही कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ, संगोष्ठी की शुरुआत IKS प्रकोष्ठ की समन्वयक डॉ0 राजलक्ष्मी दत्ता द्वारा की गयी । उन्होंने भारतीय परंपरागत ज्ञान के विभिन्न धाराओं के बारे में बताते हुए युवा पीढ़ियों के लिए इसके महत्व को बताया।
बता दें कि महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर वी०सी० पाण्डेय ने बताया कि भारतीय संस्कृति विलुप्त नहीं हुई है, इसे थोड़े से प्रचार-प्रसार के बाद पुनः जागृत किया जा सकता है। इसके पश्चात् स्वामी योगेश्वरानन्द सरस्वती जी ने आहार, निद्रा एवं ब्रह्मचर्य का संयमपूर्वक पालन करने का मार्गदर्शन दिया।
आपको यह भी बता दे कि डी.ए.वी (पी.जी) कॉलेज के संस्कृत विभाग के डाo राम विनय सिंह ने हमारे जीवन में धर्म की प्रासंगिकता को बताते हुए वैदिक ज्ञान और भारतीय दर्शन पर प्रकाश डाला।
ऐसे में प्रभु -मिलनदीप सिंघल ने अपने गुरु श्री प्रभुपाद जी द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा का देश-विदेश में प्रसार करने के उत्कृष्ट कार्य का वर्णन किया साथ ही श्रीमद्भगवद गीता के महत्व का को बताते हुए विद्यार्थियों को भारतीय ज्ञान, संस्कृति के महत्व के बारे में बताया।
इस दौरान कार्यक्रम समन्वयक डॉ0 राजलक्ष्मी दत्ता ,सह- समन्वयक डॉ0 अनुपमा त्रिपाठी, डॉ0 चेतना बिष्ट एवं डॉ0 शैली और संपादकीय मंडल के विद्यार्थीगणों में प्रियांशु शर्मा, कनिका भण्डारी, वंशिका बलोनी, शिवांगी चौहान, मनीषा भारती, देवांश नौटियाल, शिवम जोशी, शीतल, अक्षिता, डॉ0 जेपी गुप्ता , डॉ0 गोरखनाथ, डॉ0 कमलसिंह विष्ट, डॉ0 देवेश, डॉ0 अटल, डॉ0 पूनम, डॉ0 निर्मला, डॉ0 पिमोला, डॉ0 नीलम नेगी, डॉ0 विद्युत बोस, डॉ0 राकेश प्रसाद सहित अन्य लोग मौजूद रहें।