यादें शेष : अलविदा स्वर कोकिला, पूरे देश की आंखें हुई नम

आज पूरे देश की आंखें नम हैं। भारत ही नहीं बल्कि दुनिया की सबसे महान गायिका, स्वर कोकिला लता मंगेशकर जी नहीं रहीं। सुरीली आवाज खामोश हो गई। बॉलीवुड के साथ संगीत और कला जगत स्तब्ध है। हर कोई लता जी की भारतीय सिनेमा को दिए गए अपने अभूतपूर्व योगदान को याद करके आंसू बहा रहा है। देश में कोई ऐसा क्षेत्र नहीं जहां लता जी की आवाज न गूंजी हो। महान गायिका लता जी के निधन का जब देश के लोगों ने समाचार सुना सभी की आंखों में आंसू भर आए। बॉलीवुड, जगत संगीत, राजनीति और खेल जगत सभी क्षेत्रों में लता जी को बहुत ही सम्मान दिया जाता है। लता जी ने फिल्म इंडस्ट्रीज में सभी पीढ़ियों के गाने गाए। लता जी के निधन का समाचार सुनाते समय तमाम चैनलों के एंकरों की भी आंखें नम हो गई। आपको बताते हुए हमें दुख हो रहा है। सबकी चहेती और भारत की स्वर कोकिला लता मंगेशकर का निधन हो गया है। 92 साल की उम्र में लता मंगेशकर ने मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली । लता मंगेशकर के निधन की खबर से मनोरंजन जगत में सन्नाटा पसर गया है। लता जी ने 36 भाषाओं में 50 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। 1960 से 2000 तक एक दौर था, जब लता मंगेशकर की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थीं। उनकी आवाज गानों के हिट होने की गारंटी हुआ करती थी। सन 2000 के बाद से उन्होंने फिल्मों में गाना कम कर दिया और कुछ चुनिंदा फिल्मों में ही गाने गाए। उनका आखिरी गाना 2015 में आई फिल्म डुन्नो वाय में था।

 

भारतीय सिनेमा जगत में लता जी ने दिए अपने जीवन के 80 साल :-

करीब 80 साल से संगीत की दुनिया में सक्रिय लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के ही इंदौर में हुआ था। 13 साल की छोटी उम्र में 1942 से उन्होंने गाना शुरू कर दिया था। लता जी के पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच के जाने पहचाने नाम थे। उन्होंने ही लता जी जो संगीत की शिक्षा दी थी। 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता जी की तीन बहनें आशा भोंसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं। लता के निधन पर भारत समेत दुनियाभर की दिग्‍गज हस्तियों ने शोक जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लता के साथ कई तस्‍वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, ‘दयालु और सबका ध्‍यान रखने वाली लता दीदी हमें छोड़ गई हैं। वह हमारे देश में ऐसी शून्‍यता छोड़ गई हैं जो कभी भर नहीं सकेगी।’ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिखा, ‘उनका जाना देश के लिए अपूरणीय क्षति है। वे सभी संगीत साधकों के लिए सदैव प्रेरणा थी। लता दीदी प्रखर देशभक्त थी। उनका जीवन अनेक उपलब्धियों से भरा रहा है। लता जी हमेशा ही अच्छे कामों के लिए हम सभी को प्रेरणा देती रही हैं। भारतीय संगीत में उनका योगदान अतुलनीय है। 30 हजार से अधिक गाने गाकर उनकी आवाज ने संगीत की दुनिया को सुरों से नवाजा है। लता दीदी बेहद ही शांत स्वभाव और प्रतिभा की धनी थी।’ शिवसेना के प्रवक्‍ता एवं राज्‍यसभा सांसद संजय राउत ने लिखा, ‘तेरे बिना भी क्‍या जीना…’

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