गर्व: भारत के 14 सेलेक्ट राज्यों मे उत्तराखण्ड शामिल, दसवी बार राजपथ पर देश का मन मोहने को तैयार उत्तराखण्ड – के. एस. चैहान

सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के उप निदेशक के.एस.चैहान

भारत सरकार द्वारा केवल 14 राज्यों का ही सेलेक्शन किया गया जिसमे उत्ताखण्ड का अनाशक्ति आश्रम कौसानी की झांकी का चयन ।

इस वर्ष 2019 के गणतंत्र दिवस परेड़ में दिल्ली के राजपथ पर इस बार उत्तराखण्ड की अनोखी झांकी सभी को आकर्षित करेगी। सूचना विभाग के उप निदेशक एवं राष्ट्रीय समारोह के नोडल अधिकारी के. एस. चैहान ने बताया है कि नई दिल्ली में आयोजित गणतन्त्र दिवस परेड में प्रतिवर्ष विभिन्न राज्यों की झांकियों द्वारा प्रतिभाग किया जाता है। जिसके लिए रक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राज्य सरकारों व केन्द्र शासित प्रदेशों, मंत्रालयों, विभागों से झांकी के प्रस्ताव आमंत्रित किये जाते हैं। इन प्रस्तावों का परीक्षण रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर किया जाता है तथा अंतिम रुप से चयनित झांकियों का निर्माण भी विशेषज्ञ समिति की देखरेख में ही किया जाता है।
के एस चौहान ने बताया कि इस वर्ष भारत सरकार द्वारा सभी राज्यों को निर्देश दिये गये थे कि महात्मा गांधी जी की जयंती 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर गणतंत्र दिवस की परेड़ की थीम महात्मा गांधी जी पर आधारित रखी जाएए जिसमें विभिन्न राज्यों में महात्मा गांधी जी के प्रवासी अवधि अथवा अन्य महत्वपूर्ण स्थलों से संबंधित झांकी को शामिल किया जायेगाए जिससे संबंधित झांकी का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ चयन समिति के समक्ष छः दौर की बैठक में प्रभावी ढंग से प्रस्तुतिकरण किया गयाए जिसके बाद उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का अंतिम रूप से चयन किया गया।

जाने क्या है खास इस झांकी मे:-

झांकी का विषय अनासक्ति आश्रम रखा गया है।
झांकी में देवभूमि उत्तराखण्ड में कौसानी जिसको महात्मा गांधी जी ने भारत का स्विटजरलैण्ड कहा था वही स्थित अनासक्ति आश्रम बहुत ही शांतिपूर्ण स्थान है।
इसी स्थान पर महात्मा गांधी जी ने वर्ष 1929 में इस आश्रम का भ्रमण किया था तथा इसी स्थान पर आनासक्ति योग पुस्तक की समीक्षा लिखी थी।
इस आश्रम का संचालन स्थानीय महिलाओं द्वारा किया जाता है। आश्रम में प्रतिदिन सुबह व शाम प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है तथा आश्रम को पुस्तकालय व शोध केन्द्र के रूप में विकसित किया गया है।
झांकी के अग्रभाग में अनासक्ति योग लिखते हुए महात्मा गांधी जी की बड़ी आकृति को दिखाया गया है।
झांकी के मध्य भाग में कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम को दिखाया गया है तथा आश्रम के दोनों ओर पर्यटक योग व अध्ययन करते हुए नागरिकों व पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत को महात्मा गांधी जी से वार्ता करते हुए दिखाया गया है।
झांकी के पृष्ठ भाग में देवदार के वृक्ष, स्थानीय नागरिकों व ऊंची पर्वत श्रृृंखलाओं को दिखाया गया है।
झांकी के साइड पैनल में उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत, जागेश्वर धाम, बद्रीनाथ तथा केदारनाथ मंदिर को दर्शाया गया है।

के एस चैहान ने बताया कि नई दिल्ली में झांकी चयन के लिए पहली बैठक 30 नवम्बर 2018 को हुई थी, जिसमें 31 राज्यों और 20 मंत्रालयों के प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इसके बाद 6 दौर की बैठक एवं प्रस्तुतिकरण के बाद विशेषज्ञ चयन समिति द्वारा अंतिम रूप से 14 राज्यों एवं 6 मंत्रालयों की झांकी को चयनित किया गया हैए जिसमें उत्तराखण्ड भी शामिल है।

जाने कौन है वे 14 राज्य :-

अरूणांचल प्रदेश, अंडमान एवं निकोबार, दिल्ली, गोवा, गुजरात, जम्मू.कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, सिक्किम, तमिलनाडू, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड एवं पश्चिम बंगाल शामिल है।

के एस चौहान ने बताया कि गत् वर्षों में उत्तराखण्ड द्वारा गणतंत्र दिवस परेड में विभिन्न विषयों पर झांकियों का प्रदर्शन किया गया है जिनमें वर्ष 2003 फुलदेई,   वर्ष 2005 नंदा राजजात,  वर्ष 2006 फूलों की घाटी,  वर्ष 2007 कार्बेट नेशनल पार्क,    वर्ष 2009 साहसिक पर्यटन,   वर्ष 2010 कुुम्भ मेला हरिद्वार,    वर्ष 2014 जड़ी बूटी,    वर्ष 2015  केदारनाथ,    वर्ष 2016 रम्माण,     वर्ष 2018 ग्रामीण पर्यटन रही है।

साथ ही उन्होने ने बताया कि अन्य राज्यों के समक्ष अपने राज्य से संबंधित झांकी के चयन के लिए काफी स्पर्धा होती हैए जिसके तर्कपूर्ण ढंग से प्रस्तुतिकरण दिया जाता है। उन्होंने बताया कि यह हम सबके लिए गर्व की बात है कि राज्य गठन से अब तक 10 बार उत्तराखण्ड की झाांकी का राजपथ पर प्रदर्शन हो चुका है

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