राजधानी दून के लच्छीवाला वन विश्राम गृह परिसर में आदर्श औद्योगिक स्वायत्तता सहकारी समिति द्वारा आयोजित “भारतीय संस्कृति एवं उसका महत्व व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रतिभाग किया।
बता दे कि इस अवसर पर सीएम ने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए सतत् प्रयास कर रही है। आज हर क्षेत्र में महिलायें आगे आई हैं, चाहे वो महिला स्वयं सहायता समूह हो या रूरल ग्रोथ सेन्टर हो या फिर महिला मंगल दल की भूमिका हो। प्रदेश में महिलाओं का वर्चस्व इसी बात से साबित होता है कि राज्य की 13 जिला पंचायतों में से 10 जिला पंचायतों में महिला अध्यक्ष है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत उधम सिंह नगर जनपद देश के टॉप टेन जनपदों में चुना गया।
वही उन्होंने कहा कि हमें बेटी बचाओए बेटी पढ़ाओ अभियान को और आगे बढ़ाना होगा। आज बेटियां किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से कम नहीं हैं। वे हर क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही हैं। समान लिंगानुपात हेतु सतत् जागरूकता की आवश्यकता है। और यह धीरे-धीरे ही सम्भव है।
ऐसे में सीएम रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में चारे की समस्या के लिये हम मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजना लाये हैं जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के सिर से घास का बोझ खत्म करना है। प्रदेश में महिलायें अब पैतृक सम्पति में सह खातेदार होंगी जिससे उनको नये कारोबार व अन्य कार्य हेतु ऋण प्राप्ति में सुविधा होगी। यह एक बहुत बड़ा रिफार्म है जिसकी शुरूआत उत्तराखण्ड से हुई है।
उक्त कार्यक्रम में सीएम रावत ने चमोली आपदा में मारे गये लोगों की आत्मा की शान्ति हेतु आयोजित यज्ञ में भी शामिल हुए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा कार्यक्रम में कोविड-19 से लड़ाई के क्षेत्र में व समाजहित कार्य में लगे लोगों को भी सम्मानित किया गया।
इस दौरान हरि सेवाश्रम हरिद्वार के महामंडलेश्वर अनन्त विभूषित स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज, समिति की अध्यक्षा आशा कोठारी, सचिव हरीश कोठारी, रोशन कोठियाल, राजेश भट्ट, विनय कण्डवाल सहित वन विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहें।