गणतंत्र दिवस 2021 में उत्तराखण्ड की झांकी को पूरे देशभर में तीसरे स्थान प्राप्त हुआ। वही अब यह झांकी राजधानी देहरादून पहुंच चुकी है। जिसे दून के गढ़ी कैंट स्थित संस्कृति विभाग के म्यूजियम आडिटॉरियम में रखा गया है।
बता दे कि राज्य गठन के बाद उत्तराखण्ड द्वारा अनेक बार प्रतिभाग किया गया परंतु यह पहला मौका था जब उत्तराखण्ड की झांकी को पुरस्कुत किया गया। ऐसे में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसे राज्य के लिए गौरव की बात बताते हुए झांकी को संस्कृति विभाग के म्यूजियम में संरक्षित किए जाने के निर्देश दिए थे।
वही प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति व सूचना सचिव दिलीप जावलकर ने गढ़ी कैंट में बन रहे संस्कृति विभाग के म्यूजियम/आडिटॉरियम का निरीक्षण कर झांकी को रखे जाने के लिए स्थान निर्धारित किया। उन्होंने अधिकारियों को उक्त झांकी के उचित रखरखाव के निर्देश दिए है।
इस बार नई दिल्ली के राजपथ के गणतंत्र दिवस समारोह में सूचना विभाग द्वारा उत्तराखण्ड राज्य की ओर से ‘केदारखंड’ की झांकी को प्रदर्शित किया गया था। इसे लोगों द्वारा काफी सराहा गया था। झांकी के अग्रभाग में उत्तराखण्ड का राज्य पशु ‘कस्तूरी मृग’ दर्शाया गया है जो कि उत्तराखण्ड के वनाच्छादित हिम शिखरों में 3600 से 4400 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है। इसी प्रकार से उत्तराखण्ड का राज्य पक्षी ‘मोनाल’ एवं राज्य पुष्प ‘ब्रह्मकमल’ दिखाया गया है जो केदारखण्ड के साथ-साथ उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। झांकी के मध्य भाग में भगवान शिव के वाहन नंदी को दर्शाया गया है।
आपको यह भी बता दे कि इस झांकी को दिल्ली से एक स्पेशल ट्रोला के माध्यम से तीन दिन में देहरादून लाया गया। गौरतलब है कि गढ़ी कैंट, देहरादून में संस्कृति विभाग का म्यूजियम ऑडिटॉरियम अभी निर्माणाधीन है। बताया गया कि इसके बनने के बाद ‘केदारखंड’ की झांकी का दीदार आम लोग भी कर सकेंगे।