देवनगरी हरिद्वार के मेला नियंत्रण भवन (सीसीआर) के सभागार में महाकुंभ की यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में मेलाधिकारी दीपक रावत और आई.जी. मेला संजय गुंज्याल ने अहम बैठक ली।
इस अवसर पर मेले से संबंधित अधिकारियों ने मेलाधिकारी एवं आईजी मेला को बताया कि कुम्भ मेला 596 हेक्टेयर क्षेत्र में आयोजित होगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा यातायात प्लान भी होगा । वही हरिद्वार आने के कुल 27 मार्ग हैं, इनमें से चार प्रमुख मार्ग,दिल्ली-पुरकाली-हरिद्वार, सहारनपुर-भगवानपुर-हरिद्वार, नजीबाबाद मार्ग, देहरादून मार्ग हैं। एवं आठ किलोमीटर के दायरे में आठ पार्किंग स्थल बनाये गये हैं।
बता दे कि इस बैठक में पार्किंग से घाटों की दूरीए सहानपुर, देहरादून, ऋषिकेश,गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली आदि विभिन्न स्थानों राज्यों से आने वाले व जाने वाले वाहनों की पार्किंग तथा डायवर्जन के सम्बन्ध में विचार-विमर्श हुआ। वही पैदल यातायात किन-किन रास्तों से होते हुये स्नान घाटों पर पहुंचेगा, आपातकालीन क्या-क्या प्लान रहेंगे, आखाड़ों का प्रवेश तथा वापसी कहां से होगी आदि के सम्बन्ध में विस्तृत रूपरेखा पर चर्चा हुई।
ऐसे में मेलाधिकारी दीपक रावत ने अधिकारियों से जानकारी ली कि पिछले कुम्भ से अब तक गाड़ियों की संख्या में कितनी बढ़ोत्तरी हुईए का संज्ञान लेते हुये पूरी व्यवस्थायें की जायें।
साथ ही इस बैठक में हरिद्वार शहर में 500 सटल बसें चलाने के सम्बन्ध में भी विस्तृत चर्चा की गयी तथा बसों के सुचारू संचालन के लिये इनमें जी0पी0एस0 सिस्टम लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गये।
साथ ही साथ मेलाधिकारी एवं पुलिस महानिरीक्षक ने यातायात व्यवस्था के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कुंभ को लेकर जारी एसओपी का पूर्ण रुप से पालन कराने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिये।
उक्त बैठक के दौरान अपर मेलाधिकारी डाॅ0 ललित नारायण मिश्र, रामजी शरण शर्मा, एमडी परिवहन निगम रणवीर चैहान, जी0एम0 उत्तराखण्ड परिवहन निगम दीपक जैन, सेक्टर मजिस्टेट अजय वीर, योगेश मेहरा, माया दत्त जोशी, प्रेमलाल, सी0ओ0 कुम्भ प्रकाश देवली, आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी, एआरटीओ प्रवर्तन सुरेन्द्र कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहें।