उत्तराखंड के टिहरी बांध परियोजना से प्रभावित 415 विस्थापित परिवारों की पुनर्वास संबंधी वर्षों पुरानी समस्याओं का सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज द्वारा राजकुमार सिंह, ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सरकार से समानधान करवाए जाने पर आज टिहरी बांध विस्थापितों का एक प्रतिनिधिमंडल टिहरी बांध प्रभावित पुनर्वास जन संयुक्त समिति के उपाध्यक्ष विजय सिंह बिष्ट के नेतृत्व में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज से उनके सुभाष रोड़ स्थित सरकारी आवास पर मिला और इसके लिए उनका आभार व्यक्त किया।
बता दे कि अवसर पर सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि हाल ही में नई दिल्ली स्थित श्रम शक्ति भवन में ऊर्जा मंत्री राजकुमार सिंह के साथ हुई बैठक में टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह, टिहरी विधायक धन सिंह नेगी, घनसाली विधायक शक्तिलाल शाह, प्रताप नगर विधायक विजय पाल सिंह पंवार की मौजूदगी में विस्थापितों की वर्षों पुरानी लंबित मांगों का निराकरण 2 माह की तय सीमा के अन्तर्गत किया जायेगा।
वही उन्होंने बताया कि भूमि की वैल्यूएशन के लिए ऊर्जा सचिव भारत सरकार और सिंचाई सचिव उत्तराखंड सरकार मिलकर समाधान निकालेंगे। टीएचडीसी मुख्यालयके स्थानांतरण को लेकर काफी समय से जो भ्रम की स्थिति बनी हुई थी, उस संबंध में भी सिंचाई मंत्री ने बताया कि टीएचडीसी का मुख्यालय ऋषिकेश से कहीं भी अन्यत्र स्थानांतरित नहीं होगा।टीएचडीसी के अधिकारियों और कर्मचारियों के ट्रांसफर और प्रमोशन के लिए पॉलिसी बनाई जाएगी। इसके साथ ही टिहरी बांध विस्थापितों के लिए निःशुल्क सीवर और पानी की व्यवस्था के साथ साथ आधे दाम पर बिजली देने के लिए जल्दी ही एक कमेटी का गठन भी किया जायेगा।
साथ ही उन्होने बताया कि टिहरी बांध प्रभावित प्रताप नगर क्षेत्र के लिए 7 वोट एवं 2 बसों को संचालित किये जाने के साथ साथ टीएचडीसी के पास उपलब्ध 21 हेक्टेयर भूमि को भी वह वापस करेगा। टीएचडीसी द्वारा न्यायालय में दायर सभी वादों को वापस लेने पर भी निर्णय बैठक में निर्णय लिया गया।
ऐसे में टिहरी बांध प्रभावित पुनर्वास जन संयुक्त समिति के पदाधिकारीयों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सतपाल महाराज के प्रयासों से ही टिहरी बांध विस्थापितों की सभी समस्याओं का समाधान अब न्यायालय की परिधि के बाहर किया जाएगा।
इस दौरान टिहरी बांध प्रभावित पुनर्वास जन संयुक्त समिति के उपाध्यक्ष विजय सिंह बिष्ट, विस्थापित विकास समिति के अध्यक्ष सूरत सिंह राणा, सचिव प्रताप सिंह राणा, संरक्षक दौलत सिंह गुसाईं, सचिव बलबीर सिंह रावत, राजेंद्र सिंह बिष्ट एवं जीत सिंह राणा सहित अन्य मौजूद रहें।