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देहरादून/स्वप्निल : शुक्रवार को  डी.बी. एस.(पी.जी.) कॉलेज में 11वीं उत्तराखंड बालिका वाहिनी द्वारा “विकास भी विरासत भी” विषय पर एक सेमिनार किया गया। बता दें कि एएनओ कैप्टेन डॉक्टर महिमा श्रीवास्तव ने इस सेमिनार का निरीक्षण में किया ।
इस अवसर पर कुल 15 कैडेट्स ने भाग लिया जिसमें 5
कैडेट्स ने बताया कि भारत की प्राचीन धरोहर और सांस्कृतिक विरासत हमें गर्व से भर देती है। लेकिन क्या हम विकास और प्रगति के नाम पर अपनी विरासत को भूल सकते हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “विकास भी विरासत भी” का विजन हमें इस दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करता है। वही कैडेट्स ने बताया कि हमारी सांस्कृतिक विरासत हमें हमारी जड़ों से जोड़ती है। यह हमारे पूर्वजों की कला, संस्कृति और ज्ञान का प्रतीक है। हमें अपनी विरासत को सहेजने और संरक्षित करने का प्रयास करना चाहिए। विकास और प्रगति के बिना हमारा देश आगे नहीं बढ़ सकता। हमें अपनी अर्थव्यवस्था, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने के लिए विकास की आवश्यकता है।
साथ ही एएनओ कैप्टेन डॉक्टर महिमा श्रीवास्तव ने बताया कि  विकास और विरासत के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है। हमें अपनी विरासत को संरक्षित करते हुए विकास के नए रास्ते तलाशने होंगे “विकास भी विरासत भी” का विजन हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और विकास के नए रास्ते तलाशने के लिए प्रेरित करता है। हमें इस दिशा में काम करके अपने देश को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए।
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