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देहरादून/स्वप्निल : राजधानी देहरादून स्थित उत्तराखंड मुख्यमंत्री आवास के मुख्य सेवक सदन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सेवक संवाद के तहत स्टार्टअप संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। वही उन्होंने राज्यभर से आए स्टार्टअप को बढ़ावा देने वाले लोगों से संवाद किया एवं उनके महत्वपूर्ण सुझावों को सुना। उन्होंने उन्नत उत्तराखंड नामक पुस्तक का विमोचन और विभिन्न स्टार्टअप पर आधारित विभिन्न स्टॉल का अवलोकन भी किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आगामी पांच वर्षों में प्रत्येक जनपद में एक इन्क्यूबेशन सेंटर की स्थापना कर 1000 स्टार्टअप तैयार करने का लक्ष्य रखा है। विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में उद्यमिता से सम्बन्धित पाठ्यक्रम भी लागू किए हैं, साथ ही डेडिकेटेट स्टार्टअप पोर्टल का भी शुरू किया गया है। राज्य में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए  200 करोड़ रूपए से उत्तराखण्ड वेंचर फण्ड की स्थापना भी की गई है। राज्य सरकार, स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता, तकनीकी मार्गदर्शन एवं बुनियादी ढांचे में सहयोग प्रदान कर रही है। राज्य में स्टार्टअप इको-सिस्टम का समुचित विकास किया जा रहा है।
बता दें कि उन्होंने प्रदेश के युवाओं से आह्वान किया कि राज्य में स्टार्टअप शुरू करने के लिए आगे आएं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि युवाओं को नौकरी मांगने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाला बनना है। उन्होंने कहा देश में नई कार्य संस्कृति का संचार हुआ है। आज समाज में नवाचार के माध्यम से बदलाव लाने वालों को एक उचित मंच दिया जा रहा है। देश के प्रतिभाशाली युवा नवाचार के माध्यम से अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य स्टार्टअप के क्षेत्र में पूरे देश के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है।
साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश स्टार्टअप का वैश्विक हब बनकर उभरा है। स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया और रैंप (RAMP) योजना जैसी योजनाओं से युवाओं के लिए नए मार्ग खुले हैं। राज्य सरकार भी उत्तराखंड को स्टार्टअप के क्षेत्र में आगे बढ़ा रही है। राज्य में स्टार्टअप्स के लिए बेहतर इको-सिस्टम विकसित किया गया है। राज्य में स्टार्टअप नीति 2023 को लागू किया गया है। जिसके तहत सीड फंडिंग के लिए 15 लाख रुपये तक का अनुदान एवं प्रारंभिक चरण के 22 हजार रुपये प्रतिमाह तक का भत्ता उपलब्ध कराया जा रहा है।
ऐसे में उन्होंने कहा कि सरकार, राज्य में सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना कर नये स्टार्टअप्स को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा राज्य में जो भी इन्क्यूबेशन सेंटर हैं, उन्हें शैक्षणिक संस्थान से भी जोड़ा गया है। सरकार इन सभी के नोडल इन्क्यूबेशन सेंटर के रूप में 60 करोड़ रूपए की लागत से देहरादून स्थित आई.टी. पार्क में विश्वस्तरीय उत्तराखण्ड इनोवेशन हब (यू-हब) की स्थापना कर रही है। राज्य सरकार के प्रयासों के फस्वरूप राज्य के 1300 से अधिक स्टार्टअप्स भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त कर चुके हैं। 50 प्रतिशत स्टार्टअप्स महिलाओं द्वारा प्रारंभ किए गए हैं। उन्होंने कहा स्टार्टअप नए विचारों की शक्ति, सपनों को सच करने का साहस और अपने देश को आगे ले जाने का संकल्प होता है।
इस दौरान मेयर सौरभ थपलियाल, मंडी परिषद के अध्यक्ष अनिल डब्बू, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडे, महानिदेशक उद्योग प्रतीक जैन, अपर निदेशक शिखर सक्सेना, अपर निदेशक मृत्युंजय सिंह, संयुक्त निदेशक अनुपम सिंह, दीपक मुरारी एवं अन्य लोग मौजूद रहें।
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