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देहरादून/स्वप्निल :  जब शब्द निशब्द हो जाएं तब खामोशी भी आवाज बन जाती है। देहरादून के सबसे पुराने कॉलेज एम के पी शिक्षक संघ द्वारा एम कालेज की विभिन्न समस्याओं के संदर्भ में सांकेतिक प्रदर्शन किया गया।
बता दें कि शिक्षक संघ की अध्यक्षा डा ममता सिंह ने बताया कि आज जब अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एक उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है वहीं महिला शिक्षा की विरासत एम के पी पीजी कालेज दयनीय अवस्था में है, 2008 से कोई नियुक्ति नहीं,  12 वर्ष से पदोन्नति नहीं,  वेतन के लिए न्यायालय की शरण और उसके बावजूद सभी शिक्षिकाएं सभी अकादमिक, पाठयेत्तर गतिविधियां,  गुणवत्तापूर्ण शोध कार्य कर रही हैं , इसलिए सभी शिक्षिकाएं आज सामूहिक अवकाश लेकर मौन सांकेतिक प्रदर्शन पर  बैठी हैं ।
वही सचिव डा पुनीत सैनी ने कहा कि  अतिरिक्त कार्यभार के साथ साथ मानसिक यंत्रणा को सहन करते हुए  कई वर्ष बीत गए हैं अब आवाज उठाना जरूरी है । सहसचिव डा अलका मोहन शर्मा,  कोषाध्यक्ष डा शालिनी उनियाल, उपाध्यक्ष डा आरती सिसोदिया ने  संयुक्त रूप से कहा कि बहुत लंबे समय से हम परेशानी झेल रहे हैं ।
इस दौरान डा अर्चना शुक्ला,  डा संगीता खुल्लर,  ज्योत्सना शर्मा, डा एल्वी दास,डा तूलिका चंद्रा , डा मीनाक्षी शर्मा, डा नीतू त्रिपाठी, पूनम सिंह सहित अन्य प्रोफेसर मौजूद रहें।
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