चमोली/स्वप्निल : शुक्रवार को उत्तराखंड के चमोली स्थित देश के प्रथम गांव माणा के पास भारी बर्फबारी के साथ ही सुबह सुबह कुबेर पर्वत से भारी हिमस्खलन हो गया। जिससे बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) के 57 मजदूर इसकी चपेट में आ गए। बता दें कि मजदूर वहां कंटेनर में सो रहे थे। इसी दौरान कंटेनर के ऊपर हिमस्खलन हो गया।
वही प्रशासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार 15 मजदूरों को सेना और आईटीबीपी के जवानों द्वारा सुरक्षित बचा लिया गया है। जबकि अन्य मजदूरों की ढूंढखोज की जा रही है। हालांकि अभी भारी बर्फबारी के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बंद कर दिया गया है। बर्फबारी रुकने के बाद फिर से रेस्क्यू शुरू किया जाएगा।
चमोली के माणा गांव-माणा पास (50.987 किमी) हाईवे का सुधारीकरण और चौड़ीकरण कार्य चल रहा है। जिसके लिए क्षेत्र में मजदूर रह रहे थे। ये मजदूर दिनभर हाईवे चौड़ीकरण कार्य करने के बाद रात्रि विश्राम के लिए माणा पास एंट्री गेट के पास स्थापित कंटेनर में पहुंच जाते हैं। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदकिशोर जोशी ने बताया कि बदरीनाथ हाईवे पर जमी बर्फ को हटाने के लिए बीआरओ की जेसीबी लगाई गई है। क्षेत्र में लगातार बर्फबारी होने और कोहरा लगने से रेस्क्यू कार्य बाधित हो रहा है। बदरीनाथ हाईवे से पैदल ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आपदा और पुलिस की टीमें माणा गांव के लिए रवाना हो गई हैं।
ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आपदा कंट्रोल रुम से स्तिथि का जायजा लिया और हाई लेवल बैठक कर उन्होंने अधिकारीयों को हर संभव मदद पहुंचाने का आदेश दिया। वही उन्होंने सेना, आईटीबीपी, वायू सेना, एक्सपर्ट और स्थानीय प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी से बचाव अभियान में जुटी हुई है। मुझे आशा है कि जल्द से जल्द फंसे हुये मजदूरों को जल्द बाहर निकाला जायेगा।