देहरादून : 38वें राष्ट्रीय खेल की सफलतम मेजबानी को लेकर उत्तराखण्ड की समूचे देश भर में खूब चर्चाए हो रही हैं। देश के कोने-कोने से आए खिलाड़ियों ने व्यवस्थाओं, आधुनिक सुविधाओं और बेहतरीन प्रबंधन की जम कर तारीफ कर के तो गए थे पर अभी भी सोशल मीडिया पर खिलाड़ी उत्तराखंड और 38वें राष्ट्रीय खेल की यादें ताजा कर खूब सराहना करते नजर आ रहें हैं।
ऐसे में इस *38वें राष्ट्रीय खेल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), विशेष प्रमुख सचिव खेल और अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा ने जन उजाला के संपादक स्वप्निल* से खास बातचीत में 38वें राष्ट्रीय खेल की चुनौती और आगे की कई योजनाओं को विस्तार से बताया।
*सवाल – उत्तराखण्ड को 38वें राष्ट्रीय खेल की मेजबानी करने का अवसर मिला, इसका श्रेय किसे मिलना चाहिए?*
उत्तर – मेजबानी के लिये उत्तराखंड का नाम आते ही जिस तरह से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी गंभीरता और प्रतिबद्धता दिखाई वो काबिले तारीफ रहा, सीएम साहब का समय-समय पर खेल और युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या, विभागों के तमाम अधिकारियों और खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहित करते रहें इसलिए मेरी नजर में इसका श्रेय सीएम धामी को ही जाता है। साथ ही उत्तराखंड की जनता का भी योगदान बहुत अहम है क्योंकि देश भर से लगभग 15हजार से अधिक लोग आये थे और उन बाहरी लोगों का जैसे वेलकम हमारी जनता ने दिया उसकी जितनी सराहना की जाये वह कम है।
*38वें राष्ट्रीय खेल की सफलता की पूरी जिम्मेंदारी आप पर थी, आपके लिये यह कितना चुनौतीपूर्ण था?*
उत्तर – निश्चित ही यह मेरे लिये बहुत बड़ी चुनौती थी, फिर मेरा मानना है कि बतौर आईपीएस हमें अपने सेवा काल में जितनी भी चुनौतियां मिलती है उसमे माo मुख्यमंत्री जी का बड़ा रोल होता है, वही इस अहम दायित्व में भी सीएम साहब समय समय साथ देते रहें, चाहें निर्माण की बात हो, बजट की उपलब्धता हो हर जगह सीएम साहब ने हमारा पूरा सहयोग किया, वे लगातार मेरी पूरी टीम को हर संभव मदद करते रहें।
*सवाल – आप खुद पावर लिफ्टींग में गोल्ड मैडलीस्ट है, आपके नजर में इस राष्ट्रीय खेल में कितने प्रतिभावान खिलाड़ी नजर आये?*
उत्तर- इस 38वें राष्ट्रीय खेल के दौरान वेट लिफ्टींग में खिलाड़ियों की प्रतिभा में कोई कमी नही थी, सारे खिलाड़ी जबरदस्त थे, वही मुझे बहुत खुशी हुई की हमारी उत्तराखंड की टीम ने भी इस बार मैडल जीता, वही हमारे पास इस समय पावर लिफ्टींग में बहुत ज्यादा स्कोप है। साथ ही मैं पावर लिफ्टींग के सभी खिलाड़ियों को इनविटेशन देता हूं कि वे आये और हमारे आधुनिक सुविधाओं का लाभ उठाये और अगले नेशनल गेम्स की अच्छी तैयारी करे।
*आपने आई आई टी रूडकी से पढाई की फिर आप भारतीय पुलिस सेवा में आये, आप हमारे युवाओं के बेहतर भविष्य के लिये क्या मैसेज देंगें?*
उत्तर- सबसे बड़ी चिझ होती है लगन, आपके लक्ष्य के हमें कड़ी मेहनत जरुर करनी चाहिए, मैं शुरू से ही हार्ड वर्किंग रहा हूं ऊपर वाले की कृपा से हमें सबसे महत्वपूर्ण चिझ समय मिला है, इसलिये एक प्लानिंग के साथ समय का सदुपयोग करना बेहद आवश्यक है साथ ही इस दौरान हमें कठिन परिश्रम करना नही छोड़ना चाहिए। हमें अपनी मेहनत और समय का प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। वही हार्ड वर्किंग कोई ऑलटरनेटिव नही है, आप कितने भी बुद्धिमान है जब तक आप
हार्ड वर्किंग नही है सफलता पाना बहुत ही मुश्किल है।
*सवाल- उत्तराखण्ड के पदक विजेताओं के लिये सरकार की क्या योजना है*?
उत्तर – उत्तराखंड के सभी पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी, और सरकार के स्कीम के तहत गोल्ड पदक वालों को 12 लाख रुपये और अन्य को उसी अनुपात में धनराशि भी जल्द जायेगी। सभी पदक विजेता खिलाड़ी थोड़ा प्रतीक्षा करें उनके लिये सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
*आगामी कुछ महिनों में खिलाड़ियों के लिये कोई विशेष खबर जो उन्हें खुश कर दें?*
उत्तर- उत्तराखंड के खिलाड़ियों के लिये बड़ी खुश खबरी यही है कि इतना बड़ा अवस्थपना बन कर तैयार हो गया है, यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधायें है, खिलाड़ी यहां आये सभी खेलों में खूब पसीना बहायें और अपने सपने को साकार करें। साथ ही अभी करीब 20 अकादमीयां और बनेंगी जिसमें हम नये बच्चो को तैयार करेंगे और जो हमारे बच्चें जो इस बार चूक गये थे आगामी खेलों में निश्चित ही अच्छी तैयारी कर अपने राज्य और देश का नाम रौशन करेंगे।