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देहरादून/स्वप्निल : शनिवार को 38वें राष्ट्रीय खेलों की 100 मीटर दौड़ स्पर्धा में महाराष्ट्र की सुदेशना शिवानंकर ने दमदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीता। तेलंगाना की निथया गांढे ने रजत पदक और तमिलनाडु की गिरधानीर ने कांस्य पदक हासिल किया।
सतारा की बेटी ने संघर्ष से रचा इतिहास
महाराष्ट्र के सतारा जिले से आने वाली सुदेशना एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखती हैं। गरीबी और सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। उनके माता-पिता और कोच ने हर कदम पर उनका साथ दिया, जिससे वे इस मुकाम तक पहुंच सकीं।
कोच और परिवार का योगदान
स्वर्ण पदक जीतने के बाद जन उजाला के संपादक  स्वप्निल से बातचीत में सुदेशना ने कहा, “इस जीत के पीछे मेरे कोच और परिवार का बहुत बड़ा योगदान है। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया। अगर उनके सपोर्ट और सही ट्रेनिंग की बदौलत ही मैं यह मुकाम हासिल कर पाई।”
उत्तराखंड की व्यवस्थाओं की तारीफ
देहरादून में आयोजित इस प्रतियोगिता को लेकर सुदेशना ने कहा, “उत्तराखंड में खेलों के लिए बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां का ग्राउंड बहुत अच्छा है, और खाने-पीने की व्यवस्थाएं भी शानदार रहीं। यह मेरे लिए एक यादगार अनुभव रहा।”
38वें राष्ट्रीय खेलों में एथलीटों का जोश और जुनून देखने लायक है। विभिन्न राज्यों के प्रतिभाशाली खिलाड़ी अपने प्रदेश और देश का नाम रोशन कर रहे हैं।
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