Share the Post
देहरादून/स्वप्निल  : शुक्रवार को राजधानी देहरादून के इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए लॉनबॉल के एक मुकाबले में उत्तराखंड के उत्कृष्ठ द्वीवेदी ने गोल्ड और चंद्रयोगिता मुंडेपी ने ब्रोन्ज मैडल जीता तो वही असाम के बीटू सिलवर मैडल जीता।
इंटरव्यू : लॉनबॉल में उत्तराखंड के गोल्ड पदक विजेता उत्कृष्ठ द्वीवेदी और कांस्य पदक विजेता चंद्रयोगिता मुंडेपी ने जन उजाला के सम्पादक स्वप्निल से को बताया अपना सफर
एशियन गेम के लिये टीम इंडिया में हुआ चयन – उत्कृष्ठ द्वीवेदी
उत्तराखंड के रुद्रपुर के रहने वाले उत्कृष्ठ द्वीवेदी ने लॉनबॉल में स्वर्ण पदक हासिल करने के बाद बेहद उत्साहित नजर आ रहे है, उत्कृष्ठ वर्तमान में मुंबई से पत्रकारिता का कोर्स भी कर रहे है। उत्कृष्ठ अपने इस शानदार जीत का श्रेय अपने पिता जी को देना चाहते है, उन्होंने कहा कि मैने सिर्फ महिने की मेहनत कर आज यह मुकाम हासिल किया।
वही उत्कृष्ठ ने कहा कि लॉनबॉल को लेकर उत्तराखंड में बिलकुल भी जागरुकता नही है। ऐसे में उत्तराखंड सरकार प्रदेश के हर जिले में लॉनबॉल का ग्राउण्ड बनाए और कुशल कोच की भी उपलब्धता कराएं जिससे हमारे प्रदेश के खिलाड़ियों को बेहतर अवसर मिलने में सुविधा हो।
अगर सरकार विशेष ध्यान दे तो उत्तराखंड में है लॉनबॉल का बेहतर भविष्य – चंद्रयोगिता मुंडेपी
38वें राष्ट्रीय खेल में लॉनबॉल में उत्तराखंड के लिये ब्रोन्ज पदक विजेता चंद्रयोगिता मुंडेपी ने बताया की महज 15 दिनों की कड़ी मेहनत में आज मैंने कास्य पदक जीत लिया है, उन्होंने इसका सबसे ज्यादा श्रेय अपने कोच अनिरुद्ध रावत को दिया, चंद्रयोगिता ने बताया कि वह पौड़ी जिले के अत्यंत दुर्गम क्षेत्र की रहने वाली है जहां से आवागम का साधन भी उप्लब्ध नही है, कई घंटो पैदल चल कर मुझे प्रक्टिस करना पड़ता था, इसलिये इस मैडल का महत्व मेरे जीवन में बहुत ज्यादा है।
चंद्रयोगिता ने यह भी बताया कि वह एक एथिलिट भी है यह उनका दुसरा राष्ट्रीय खेल है, मेरे मां और पिता जी मुझे हमेशा सपोर्ट करते है जिससे मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। वही प्रदेश सरकार से चंद्रयोगिता ने अरुरोध किया कि उत्तराखंड में लॉनबॉल को प्रोत्साहन देने की बेहद आवश्कता है।
error: Content is protected !!