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देहरादून/स्वप्निल : उत्तराखंड में चल रहे 38वें राष्ट्रीय खेल में आर्चरी का समापन का देहरादून इंटरनेशनल स्टेडियम में हुआ जिसमें मिक्स टीम ऋषभ यादव और दीपशिखा ने गोल्ड मेडल जीता, वही मडाला सूर्या हमशिनी ने सिल्वर तिरुमुरु  गणेश मणिरत्नम ने ब्रॉन्ज मेडल जीता ।
वही जन उजाला के संपादक स्वप्निल से इंटरव्यू में सिल्वर विजेता मडाला सूर्या हमशिनी ने और ब्रॉन्ज मेडल विजेता तिरुमुरु गणेश मणिरत्नम ने खास बातचीत में बताया अपना सफर ।
सिल्वर मेडल जीतने वाली 14 वर्षीय मडाला सूर्या हमशिनी 11वीं की छात्रा है, जो आंध्रा प्रदेश की वेस्ट गोदावरी जिले की निवासी है, 38 वें राष्ट्रीय खेल में सिल्वर मेडल जीतने के बाद हमशिनी ने जीत का श्रेय अपने अभिभावक और अपने कोच को दिया । हमशिनी ने बताया कि राष्ट्रीय खेलों में उनका यह दूसरा मेडल है वही उन्होंने बताया कि वह अपने जीवन में आर्चरी की प्लेयर रैंकिंग में पहले स्थान पर पहुंचना चाहती है । इसके लिए वह पढाई के साथ साथ खेल में भी कठिन परिश्रम कर रही है  साथ हमशिनी ने यह भी बताया कि वह आर्चरी को बढ़ावा देने के लिए वह सरकार से भी बेहतर सुविधाओं के लिए अनुरोध करेंगी ।
साथ ही मडाला सूर्या हमशिनी ने उत्तराखंड को राष्ट्रीय खेल के लिये बेस्ट डेस्टिनेसन बताया उन्होंने कहा कि हमें देहरादून का मौसम, सारी सुविधायें बहुत पसंद आई। मुझे आशा है कि जल्द ही उत्तराखंड के खिलाड़ी भी आर्चरी में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
वही ब्रॉन्ज मेडल विजेता तिरुमुरु गणेश मणिरत्नम आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के निवासी है और वे अभी बी सी ए (डाटा साइंस) के पहले वर्ष के छात्र हैं ।
तिरुमुरु गणेश ने ब्रॉन्ज मेडल जितने के बाद कहा कि आर्चरी मेरे लिए सिर्फ खेल ही नहीं ब्लकि मेरे जीवन का एक बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है, उन्होंने कहा कि मैं आगे भी अपने खेल को और बेहतर करूंगा जिसमें देश-दुनिया में अपना अपने गुरु, माता-पिता, अपने शहर का नाम रौशन करूंगा ।
वही तिरुमुरु गणेश का कहना है कि उनका एक सपना है कि आर्चरी को ऑलंपिक में भी बड़े स्तर पर स्थान मिले, और उसमे भारत से ज्यादातर प्रतिभागियों को मेडल मिले l उन्होंने यह भी बताया कि ऐसे खेलों के प्रति लोगों में कम जागरुकता है ऐसे में  सरकार को भी इस खेल को बढ़ावा देने के लिए कई ठोस कदम उठाने चाहिए ।
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