देहरादून/स्वप्निल : शनिवार को उत्तराखंड सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उपाध्यक्ष नीति आयोग सुमन बेरी, भारत सरकार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उत्तराखंड सरकार द्वारा जनहित में किए गए अभिनव प्रयासो एवं उपलब्धियों की जानकारी आयोग को दी । इसके साथ ही मुख्य उन्होंने आयोग के समक्ष उत्तराखंड राज्य की विशेष परिस्थितियों के संदर्भ में अपेक्षित बिंदुओं को रखा
इस अवसर पर उन्होंने नीति आयोग के समक्ष उत्तराखंड सरकार द्वारा जनहित में किए गए प्रयासों की जानकारी दी तथा राज्य की विशेष परिस्थितियों के संदर्भ में विभिन्न मांगो के सम्बन्ध में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि नीति आयोग द्वारा जारी SDG India Index 2023-24 में उत्तराखण्ड राज्य को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है । राज्य के जल स्रोतों एवं नदियों के पुनर्जीवीकरण हेतु SARRA (Spring and River Rejuventation Authority) का गठन कर अब तक 5428 स्रोतों का जल संरक्षण तथा संवर्द्धन कर पुनर्जीवीकरण कर दिया गया है, जबकि 228 वर्षा कालीन छोटी-बड़ी नदियों का Catchment Treatment कर पुनर्जीवित किया गया है। राज्य सरकार हिम आधारित नदियों (Glaciel River) को वर्षा आधारित नदियों (Rainfed River) से जोड़े जाने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना की रूपरेखा तैयार कर रही है, इसके दीर्घकालिक परिणाम Game Changer साबित होंगे जिसका लाभ प्रदेश को ही नहीं अपितु पड़ोसी राज्यों को भी मिलेगा। ऐसी अति महत्वपूर्ण “नदी-जोड़ो परियोजना” के क्रियान्वयन हेतु अत्यधिक धनराशि की आवश्यकता है जिसके लिये नीति आयोग, भारत सरकार से तकनीकी सहयोग की आवश्यकता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और आपदाओं की दृष्टिगत हेलीकॉप्टर सेवा को बढ़ावा देना केवल पर्यटन ही नहीं यातायात की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के संबंध में अनुरोध किया कि पूर्वोत्तर के राज्यों के भांति उत्तराखण्ड राज्य को भी 24 प्रतिशत Capital Subsidy वाली श्रेणी में सम्मिलित किये जाने के लिए नीति आयोग भारत सरकार के सहयोग की आवश्यकता है।
ऐसे में उन्होंने कहा कि जल विद्युत योजनाओं अन्तर्गत 25 मेगावाट से कम क्षमता की परियोजनाओं के अनुमोदन तथा क्रियान्वयन की अनुमति राज्य सरकार को प्रदान होने से राज्य में लगभग 170 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन क्षमता का यथाशीघ्र उपयोग हो सकेगा तथा लगभग 3000 मेगावाट तक विद्युत क्षमता का उपयोग विकसित भारत @ 2047 के विजन के अन्तर्गत स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन करते हुए Net Zero के लक्ष्यों को हासिल करने में भी सहयोग प्रदान करेगा।
इस दौरान उत्तराखण्ड के सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव म आरं के. सुधांशु, राज्य सलाहकार नीति आयोग, भारत सरकार सोनिया पंत, सचिव आर. मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगौली, एस.एन.पाण्डेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे, सीपीपीजीजी के एसीईओ डॉ. मनोज पंत मौजूद रहें।