देहरादून/स्वप्निल : राजधानी देहरादून स्थित सरदार पटेल भवन में मीडिया के साथ प्रेस वार्ता कर पुलिस महानिरीक्षक नीलेश आनंद भरणे और उप महानिरीक्षक एस.टी.एफ. सेंथिल अब्दई कृष्ण राज. एस, ने प्रदेश में हुए साइबर अटैक पर अवगत कराया।
बता दें कि 02-10-2024 को समय 14.45 से 14.55 बजे लगभग के मध्य सीसीटीएनएस कार्यालय में थाने द्वारा प्रेषित सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट से सम्बन्धित शिकायतों का निस्तारण टेक्निकल टीम द्वारा किया जा रहा था उक्त समय पर सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट ने काम करना बन्द कर दिया। अन्य सिस्टम पर चैक किया गया तो कोई भी सिस्टम काम नहीं कर रहा था जिस सम्बन्ध में आईटीडीए से जानकारी की गई तो आईटीडीए के सर्वर पर हैकिंग सम्बन्धी मैसेज (नोट पैड) में सर्वर के प्रत्येक फोल्डर में प्रदर्शित हो रहा था, जिसमें उक्त कार्य करने वाले व्यक्ति के द्वारा सम्पर्क करने के लिये मेल आई-डी दी गई व भुगतान के बाद डाटा सुरक्षित उपलब्ध कराये जाने से सम्बन्धित मैसेज अंकित किया है, जिसमें बिना अनुमति के एक्सेस कर कुछ बदलाव किए गए हैं। इस पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में मु0अ0स0- 74/2024 धारा- 308(4) बीएनएस व 65/66/66 सी आईटी एक्ट पंजीकृत किया गया। मौके की सूचना मिलते ही पुलिस विभाग के CISO डीआईजी सेंथिल अब्दई कृष्ण राज. एस के द्वारा मामले की गम्भीरता को देखते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 को दिशा निर्देश दिये।
ऐसे में एसएसपी एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने एक स्पेशल टीम का गठन किया गया जिसमें पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा, निरीक्षक विकास भारद्वाज, उ0नि0 राजीव सेमवाल, हेड कॉन्स0 संदेश यादव एवं कॉन्स0 कादर खान ने त्वरित कार्यवाही करते हुये मौके पर जाकर विधिक कार्यवाही सुनिश्चित की। एस0टी0एफ0 की साइबर थाने की टीम ने मौके की गम्भीरता को देखते हुये जहाँ एक तरफ आईटीडीए के कर्मचारियों को अपने कार्य एवं सभी आईटी प्रणाली को पुनः सुचारू रुप से संचालित करने हेतु सहयोग दिया गया वहीं अभियोग में साक्ष्य एकत्रित करने की कार्यवाही को बारिकी से प्रारंभ किया।
बता दें कि पुलिस टीम ने मौके से विभिन्न डिजिटल लॉग, साक्ष्य संरक्षित करने की प्रणाली एवं वायरस की फाईल को सफलता पूर्वक रिकवर कर लिया । साथ ही प्रांरभिक विश्लेषण में वायरस आने का तकनिकी कारण भी विवेचना में सम्मिलित किया जा रहा है। पुलिस टीम की तकनिकी उपकरण की वर्चुअल मशीन उसकी फॉरेन्सिक विश्लेषण हेतु कॉपी भेजी जायेगी एवं आईटीडीए के साइबर विश्लेषकों के साथ वर्तमान साइबर ढाँचे को सफलता पूर्वक सुदृढ कर लिया गया है।
साथ ही एस0टी0एफ0 की विशेष टीम ने आईटीडीए कर्मियों के साथ निरंतर समन्वय स्थापित कर इस प्रकरण में हो सकने वाली हानि को रोक दिया गया है। एवं भविष्य के लिये इस प्रकार के वायरस के आने के कारण को ढूँढ कर सूचना प्रौद्यौगिकी प्रणाली को बेहतर करने में सहायता मिलेगी। वही मामले की जटिलता को देखते हुये भारत की विभिन्न केन्द्रीय एजेंसी I4C गृह मंत्रालय, NIA, CERT-IN, NCIIPC आदि से समन्वय स्थापित कर उनकी टीम भी सहयोग के लिये मौके पर मौजूद रहीं।