सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवारजनों और वीरांगनाओं को किया सम्मानित

देहरादून/स्वप्निल : बुधवार को राजधानी देहरादून के हिमालयन कल्चरल सेंटर में एलन इंस्टीट्यूट में  आयोजित शौर्य वंदन कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने प्रतिभाग किया गया। उन्होंने कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के परिवारजनों और उनकी वीरांगनाओं को स्मृति चिन्ह शॉल एवं रू11 हजार के चेक वितरित कर उनको सम्मानित किया गया। वही उन्होंने प्रतिभावान छात्रों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर मंत्री जोशी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पहले शहीदों के पार्थिव शरीर को उनके घर नहीं भेजा जाता था। उनकी राख स्वजनों को सौंप दी जाती थी और कहा जाता था कि उनका लाल शहीद हो गया है। भाजपा सरकार ने शहीदों के पार्थिव शरीर को पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक घरों तक भेजने का सिलसिला शुरू किया। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने निर्णय लिया है कि सेना या पैरामिलेट्री को जो भी जवान शहीद होगा, उसके परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दी जाएगी और उस दिशा में सरकार निरंतर अग्रसर है। उन्होंने कहा कहा कि हम अपने शहीदों को वापस तो नही ला सकते पर उनके सम्मान और उनके परिवारों के कल्याण हेतु संकल्पबद्ध हैं।
ऐसे में उन्होंने कहा शहीद का सम्मान करना हर देश वासी का कर्तव्य है। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा सैनिकों के सम्मान में देहरादून के गुनियाल गांव में भव्य सैन्य धाम के निर्माण किया जा रहा है। जिसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है, शीघ्र ही सैन्य धाम प्रदेश की जनता और वीरमाताओं को समर्पित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सैनिकों पूर्व सैनिकों एवं उनके परिजनों के लिए अनेक योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है।
इस दौरान सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी, डायरेक्टर सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल, डायरेक्टर एलन इंस्टीट्यूट नवीन माहेश्वरी, कमांडेंट राहुल अग्रवाल, परमवीर चक्र युगेंद्र यादव, जोनल हैड उत्तर भारत सदानद वाणी, गिरीश गौड़, अवधेश दीक्षित सहित शहीद के परिजन मौजूद रहें ।