रविवार को राजधानी देहरादून के जाखन में पदमश्री डाo बीके संजय से सामाजिक संस्था संगमन की टीम ने मुलाकात की।
बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। इसी को लेकर सामाजिक संस्था “संगमन” द्वारा मुख्यमंत्री के इस संकल्प को पूरा करने मे सक्रिय सहभागिता निभाया जा रहा है। संस्था द्वारा विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों से सम्पर्क कर उनसे सुझाव लिया रहा है।
वही संगमन संस्था को सुझाव देते हुये डाo बीके संजय ने कहा कि उत्तराखंड को सर्वश्रेष्ठ राज्य हेतु यह अनिवार्य है कि हर आमजन को सर्वसुलभता से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों। उन्होंने कहा कि सरकार को सरकारी व प्राइवेट डाक्टरों का परस्पर विरोधी के बजाय एक दूसरे के पूरक रूप हुए कार्य करने की योजना बनानी चाहिए।
साथ ही उन्होंने कहा कि आम नागरिकों व चिकित्सकों के मध्य परस्पर विश्वासपरक वातावरण के साथ सरकार को अधिक से अधिक विशेषकर दुर्गम व अभावग्रस्त क्षेत्रों मे चिकित्सा शिविरों का आयोजन करना चाहिए। जिससे जनता का डाक्टरों के प्रति नजरिया भी बदलेगा। सरकारी हो या प्राइवेट सभी चिकित्सक सहर्ष ही शिविरो हेतु अपनी सेवाएं देंगे। उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिविरों मे बेहद कम संसाधनों मे स्वास्थ्य की दृष्टि से जन-उपयोगी कार्य किए जा सकते हैं। जैसे किसी नर्स के द्वारा ब्लडप्रेशर नापना, वेट मशीन से वजन तौलना, ग्लूकोमीटर से सुगर चैक करना जैसे स्क्रीनिंग के कार्य आसानी से किए जा सकते हैं। जो किसी भी बीमारी को प्रारंभिक तौर पर डाइग्नोस किया जा सकता है।
ऐसे में उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को संसाधनयुक्त बनाना बेहद आवश्यक है। यदि धनोल्टी मे ही आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो जांएगी तो वहां के लोग क्यों देहरादून तक दौड लगाएगे। डा संजय के अनुसार चाहे सरकार को कुछ अतिरिक्त प्रयास करने पडें, लेकिन सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए आमजन को समीपस्थ क्षेत्र मे स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करानी आवश्यक है।
उन्होंंने कहा कि वर्तमान समय मे टैक्नोलॉजी का हर क्षेत्र मे उपयोग हो रहा है। यदि स्वास्थ्य सेवाओं मे टैक्नोलॉजी का प्रयोग करते हुए टेलीमेडिसिन की पद्धति अपनाई जाए तो आमजन को बहुत सहूलियत मिलेगी। वही उन्होंने कहा कि यदि एक्स-रे रिपोर्ट मोबाइल फोन से भेजकर चिकित्सक से परामर्श लिया जाए तो कितनी भाग दौड़ बच सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि जनपद स्तर पर इसका तंत्र विकसित किया जा सकता है। साथ ही उन्होने यह भी कहा कि निशुल्क चिकित्सा शिविरों के माध्यम से जब स्वास्थ्य सेवाएं आमजन तक पहुचेगी तो जनता मे सरकार की लोकप्रियता भी बढेगी। औरइन शिविरों मे सभी चिकित्सक सहर्ष निशुल्क परामर्श प्रदान करेगें। परन्तु आयोजन मे होने वाले खर्च को सांसद या विधायक निधि से करने का प्रावधान किया जा सकता है।

आपको यह भी बता दे कि डाo बी के एस संजय उत्तर भारत के सबसे लोकप्रिय आर्थोपेडिक व स्पाइन रोग विशेषज्ञ है। जनसेवा को सदैव समर्पित डा संजय 200 से अधिक चिकित्सा शिविरों का आयोजन कर चुके हैं। डा संजय को स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र मे उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2021 मे नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा पदमश्री से विभूषित किया गया है। तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डाo संजय को उपाधि प्रदान की थी। डा संजय गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स व लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स होल्डर भी है।
इस अवसर पर संगमन संस्था द्वारा पदमश्री डा बी के एस संजय को संगमन का प्रतीक चिन्ह भी भेंट किया।
इस दौरान संस्था के संयोजक सुरेन्द्र अग्रवाल, रचना गर्ग, स्वप्निल सिन्हा, प्रमोद बेलवाल,दीपक शाह सहित अन्य लोग मौजूद रहें ।