सोमवार को राजधानी देहरादून में विभिन्न क्षेत्रों से पुस्तक प्रेमी हॉरर एंथुजिआस्टस, एवं कॉस्प्लेयर्स बहुप्रतीक्षित बुकनर्ड्स हैलोवीन हैंगआउट के लिए एकत्रित हुए। यह डरावना कार्यक्रम एक ऐतिहासिक इमारत स्थित कैफ्यून कैफे में आयोजित किया गया। वही इस दौरान साहित्य प्रेमियों, कॉस्प्ले की कला और डर को एक साथ लाया गया।
बता दें कि यह कार्यक्रम उन पुस्तक प्रेमियों के लिए स्वर्ग जैसा था जो रोमांचक कहानियों और चर्चाओं में दिलचस्पी रखते हैं। उपस्थित लोग उत्साहपूर्वक चर्चाओं में लगे हुए थे और एक दूसरे के साथ अपनी पसंदीदा डरावनी किताबों एवं उपन्यासों के बारे अपने विचारों का आदान प्रदान कर रहे थे। अनिता कृष्णन की घोस्ट्स इन द डार्क साइलेंस, पंपकिन की डेकोरेशंस, चेहरों पर वत्सला बिष्ट द्वारा की गई डरावनी कलाकारी ने कार्यक्रम को और भी रोमांचक बनाया। क्लासिक्स से लेकर कई अनसुने किताबों की चर्चा ने पढ़ने के शौकीन लोगों को एक सकारात्मक ऊर्जा से भर दिया।
वही दिलचस्प चर्चाओं, रोमांचकारी कॉसप्ले और मंत्रमुग्ध कर देने वाले माहौल के अलावा, बुकनर्ड्स हैलोवीन हैंगआउट ने उपस्थित लोगों को एक silent reading session के द्वारा एक शांति एवं स्थिरता प्रदान करने की भी कोशिश की। कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित तमाम लोगों एवं पुस्तक प्रेमियों को रोमांचकारी कहानियों का आनंद लेने के लिए आमंत्रित किया गया था।
साथ ही हैलोवीन की ऊर्जा आयोजन स्थल के चारों ओर बिखरी थी जो अपने खास सजावट के कारण आगंतुकों को अलग ही दुनिया का एहसास करा रही थी। किताब की अलमारियों पर मकड़ी के जाले, मोमबत्तियों की डरावनी परछाइयां, पुरानी ऐतिहासिक दीवारों पर चमगादड़ों की कलाकृतियां, पंपकिंस में बने अलग अलग डिजाइनों ने माहौल को अलग छटा प्रदान की और सभी को एहसास दिलाया कि यह साल की सबसे खूबसूरत और मनमोहक रात है।
आपको यह भी बता दें कि बुकनर्ड्स हैलोवीन हैंगआउट का एक मुख्य आकर्षण बहुप्रतीक्षित कॉस्प्ले प्रतियोगिता थी। प्रतिभागियों ने अपने प्रिय साहित्यिक पात्रों में जान फूंकते हुए सावधानीपूर्वक तैयार की गई वेशभूषा का प्रदर्शन किया। रहस्यमय काउंट ड्रैकुला से लेकर मंत्रमुग्ध करने वाली चुड़ैलों और जैक स्पैरो तक, कलात्मकता और छोटी छोटी चीजों की बारीकियां मंत्रमुग्ध कर देने वाली था।
ऐसे में दून वैली का बुकनर्ड्स हेलोवीन हैंगआउट वास्तव में एक डरावना अनुभव था जिसने इसमें भाग लेने वाले सभी लोगों पर अमिट छाप छोड़ी, इसने एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला माहौल बनाया जहां दुनिया के साहित्य, डरावनी और कॉसप्ले का बेहद सहज विलय हुआ, जो हमें याद दिलाता है कि किताबों के पन्नों के भीतर जादू हमेशा समाहित रहता है।