शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट आ गई है। आपको पता है कि पिछले महीने दिसंबर में उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत की नाराजगी के बाद इस्तीफा भाजपा के लिए परेशानी बन गई थी।
वही बता दें कि अपने क्षेत्र कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज बनाने को लेकर हरक सिंह रावत धामी सरकार से नाराज हुए थे। बाद में किसी प्रकार भाजपा हाईकमान ने हरक सिंह रावत को मना लिया था। अब एक बार फिर मंत्री हरक ने अपनी हनक दिखाई है। हरक सिंह की नाराजगी ऐसे समय पर आई है जब भाजपा अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी करने जा रही है। आइए आपको बताते हैं कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत इस बार क्यों नाराज हैं। दरअसल हरक सिंह रावत कोर शनिवार को आयोजित ग्रुप की मीटिंग में नहीं पहुंचे थे। कोर ग्रुप का सदस्य होने के बावजूद भी हरक सिंह मीटिंग में नहीं आए। जिसके बाद अटकलें लगाई जा रही है कि हरक सिंह नाराज हैं।
गौरतलब है कि हरक सिंह अब लैंसडाउन से अपनी पुत्र वधू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट की पैरवी कर रहे हैं। मगर लैंसडाउन से विधायक दिलीप रावत इसके विरोध में हैं। साथ ही भाजपा संगठन भी हरक से नाराज है। कहा जा रहा है कि हरक सिंह रावत अगले कुछ रोज में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। अभी फिलहाल इस मामले में हरक सिंह रावत का कोई बयान नहीं आया है। लेकिन चुनाव के ऐन मौके पर उनकी नाराजगी भाजपा के लिए एक बार फिर परेशानी का सबब बन गई है।