आज देश भक्ति की एक बड़ी मिशाल देखने को मिली है, जब मलयालम फिल्मों के डायरेक्टर अपने ही मजहब से इस कदर नाराज हुए कि मुस्लिम धर्म छोड़ने का एलान कर दिया। अब यह हिंदू धर्म स्वीकार करने जा रहे हैं। बात को आगे बढ़ाने से पहले यह भी जान लेते हैं कि पिछले दिनों शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म स्वीकार किया था। आज केरल यानी मलयालम फिल्मों के मशहूर निर्देशक अली अकबर ने इस्लाम छोड़ हिंदू बनने का फैसला किया है।
बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे के बाद देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद देश में कट्टरपंथियों ने मजाक उड़ाया था। इसी से आहत होकर अली अकबर ने आज इस्लाम धर्म छोड़ दिया। बता दें कि जनरल बिपिन रावत का बुधवार को हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया। पूरा देश उनके निधन पर शोक मना रहा था, तो दूसरी तरफ कुछ लोग सोशल मीडिया पर इसका मजाक उड़ा रहे थे। कट्टरपंथियों की इन हरकतों से दुखी होकर मलयाली फिल्मों के डायरेक्टर अली अकबर और उनकी पत्नी लुसीअम्मा ने इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया है। फिल्ममेकर अली अकबर ने फेसबुक पर लाइव पर अपने और पत्नी के इस्लाम छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने का एलान किया।
बता दें कि उन्होंने अपना नाम बदलकर ‘रामसिम्हन’ रखने का ऐलान भी किया। उन्होंने कहा कि मुस्लिमों की तरफ से ऐसी हरकत का विरोध सीनियर मुस्लिम नेताओं और इस्लामिक धर्मगुरुओं ने भी नहीं किया। देश के बहादुर बेटे का ऐसा अपमान स्वीकार्य नहीं है। अकबर ने यह भी कहा कि उनका इस्लाम से विश्वास उठ गया है। फेसबुक के जरिए सीडीएस रावत को श्रद्धांजलि देने वाले फिल्म निर्देशक अली अकबर ने कहा कि ‘इसे कभी स्वीकार नहीं कर सकते हैं इसलिए मैं अपना धर्म छोड़ रहा हूं, न मेरा और न ही मेरे परिवार का कोई और धर्म है।
आपको यह भी बता दें कि अली अकबर ने जब सीडीएस रावत की वीरगति पर लाइव वीडियो बनाना शुरू किया तो कट्टर इस्लामियों ने उनके वीडियो पर हजारों की संख्या में लॉफिंग की इमोजी लगाकर इसका मजाक उड़ाया, जिससे उनकी भावनाएं आहत हुईं। अली अकबर ने आगे कहा कि आज मैं जन्म से मिले एक कपड़े को फेंक रहा हूं। आज से मैं मुसलमान नहीं हूं। मैं सिर्फ भारत का नागरिक हूं। मेरा ये फैसला उन लोगों को जवाब है, जिन्होंने भारत के खिलाफ इमोजी पोस्ट किए थे।
ऐसे में उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी बेटियों को धर्म बदलने के लिए मजबूर नहीं करेंगे और वह इसे उनकी पसंद पर छोड़ देंगे। अली अकबर पहले भारतीय जनता पार्टी की राज्य कमेटी के मेंबर थे। बाद में पार्टी लीडरशिप के साथ अहसमति होने के बाद उन्होंने अपनी पोस्ट से इस्तीफा दे दिया था।