देहरादून जाने के लिए सरकारी विमान में बैठे ‘राज्यपाल कोश्यारी’ को उद्धव सरकार ने उतारा

शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच अभी भी तनातनी बनी हुई है । आज फिर दोनों आमने-सामने आ गए । महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को देहरादून जाने के लिए सरकारी विमान के इस्तेमाल की मंजूरी नहीं दी है, जिसके बाद खुद प्राइवेट फ्लाइट बुक करके उन्हें जाना पड़ा। हालांकि, राज्य में विपक्षी भाजपा ने इस पर उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार से माफी मांगने के लिए कहा है। कोश्यारी को सुबह 10 बजे मुंबई से देहरादून के लिए रवाना होना था। राज्यपाल को शुक्रवार को मसूरी में एक कार्यक्रम में भाग लेना है। राज्यपाल के कार्यालय ने बाद में एक निजी विमान में सीट बुक की और वह दोपहर 12.15 बजे देहरादून के लिए रवाना हुए। पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई, ये एक निदंनीय घटना है । फडणवीस ने कहा कि राज्यपाल कोई व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था है और उसका आदर होना चाहिए । पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि व्यक्ति आता जाता है लेकिन संस्था का सम्मान होना चाहिए। भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि राज्यपाल को विमान से उतार दिया गया। लोग इस सरकार को सत्ता से बाहर करेंगे। इतना ही नहीं, भाजपा नेता ने कहा कि सरकार को राज्यपाल से माफी मांगनी चाहिए।

राज्यपाल कोश्यारी और उद्धव ठाकरे के बीच पहले भी हो चुके हैं विवाद :-

राज्यपाल कोश्यारी और उद्धव सरकार के बीच मनमुटाव कोई नया नहीं है। इससे पहले राज्यपाल ने चिट्ठी लिखकर राज्य में धार्मिक स्थल खोलने पर विचार करने को कहा था। राज्यपाल ने लिखा था कि आप खुद को हिंदुत्व का समर्थक मानते हैं और मंदिर से पहले राज्य में शराब की दुकानें खोल दीं। चिट्ठी के जवाब में उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल को जवाब दिया था कि उन्हें किसी से हिंदुत्व पर सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। माना जा रहा है कि इस घटनाक्रम से महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर से राज्यपाल और उद्धव सरकार में टकराव देखने को मिल सकती है। दूसरी तरफ राज्यपाल को जहाज न देने की इस घटना पर राज्य सरकार की तरफ से कोई भी बोलने को तैयार नही हैं। राज्य के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने ऐसी किसी भी घटना के बारे में जानकारी होने से सीधे-सीधे इनकार किया है। अजीत पवार का कहना है कि ऐसी किसी भी घटना के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।

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