बढ़ने लगा कोरोना कहर : उत्तराखंड की जनता मास्क, सेनेटाईजर का प्रयोग सहित ‘सोशल डिस्टेंसिंग का पालन’ करे – अमित नेगी (स्वास्थ्य सचिव)

उत्तराखंड सचिवालय के मीडिया सेंटर में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए प्रदेश के सचिव स्वास्थ्य, वित्त एवं सचिव मुख्यमंत्री अमित नेगी ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत दीपावली के अवसर पर बाजारों में भीड़ भाड़ के अंदेशे तथा भारत सरकार द्वारा सर्दी के मौसम की शुरूआत के दृष्टिगत प्रदेश में इस सम्बन्ध में सतर्कता बरतने के लिये एडवाइजरी जारी की गई थी।

उन्होंने बताया कि सभी जिलाधिकारियों, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों के साथ ही सम्बन्धित विभागाध्यक्षों के माध्यम से व्यापारियों एवं आम जनता से भी निरंतर एहतियात बरतने के लिये जन जागरूकता अभियान विभिन्न स्तरों पर निरंतर संचालित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस महामारी की रोकथाम के लिए व्यापक पहल की है। जनता से लगातार मास्क पहनने, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन, सेनेटाईजर के प्रयोग आदि सुरक्षा के उपायों पर विशेष ध्यान देने को कहा जा रहा है।

वही उन्होंने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम एवं इसपर प्रभावी नियंत्रण के लिए आयुष्मान भारत ऑफिस में हेल्पलाईन स्थापित की गई है जहां पर आयुष्मान भारत के अंतर्गत उपलब्ध डाटा के आधार पर कंट्रोल रूम के लगभग 40 टेलीफोन लाइनों के द्वारा प्रतिदिन 3-4 हजार लोगों में सम्पर्क कर उनके हाल-चाल लिये जा रहे हैं। यदि किसी में बेसिक सिमटम पाये जाते है उनके उपचार के साथ ही सेम्पिलिंग आदि की भी व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना से प्रभावित लोगों को इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए। किसी को भी इससे सम्बन्धित कोई परेशानी हो रही हो तो उन्हें अपने इलाज में शीघ्रता से चिकित्सकों का परामर्श ले लेना चाहिए। इलाज में विलम्ब होने पर खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।

साथ ही उन्होंने बताया कि प्रदेश में टेस्टिंग रेट 10-12 हजार प्रतिदिन है। प्रयास है कि पर्वतीय क्षेत्र में 48 घंटे तथा मैदानी इलाकों में 24 घंटे में टेस्टिंग हो जाए।

ऐसे में सचिव मुख्यमंत्री अमित नेगी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये है कि सभी विभागीय सचिव अपने विभागाध्यक्षों एवं अधीनस्थ अधिकारियों के साथ माह में एक दिन विभागीय कार्यकलापों के साथ ही केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा करे। इसके साथ ही जनपदों के प्रभारी सचिवों को भी अपने प्रभार वाले जनपदों में जाकर योजनाओं की जिलाधिकारियों के साथ समीक्षा एवं योजनाओं फ्लैगशिप प्रोग्राम, स्वरोजगार योजनाओं आदि का निरीक्षण के निर्देश दिये गये है।

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा को पूर्ण करने का कार्य सभी विभागों द्वारा संवेदनशीलता एवं तत्परता से किया जा रहा है। मुख्य सचिव के स्तर पर भी मुख्यमंत्री की घोषणाओं के क्रियान्वयन की निरंतर समीक्षा की जा रही है। इसके लिये धनराशि की भी व्यवस्था की गयी है।

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