मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखंड के विकास में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपके निर्देशन में उत्तराखण्ड राज्य ईज ऑफ डुईंग बिजनेस, निवेश प्रोत्साहन और स्टार्टअप क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहा है।
वही सीएम धामी ने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय निवेशकों को राज्य में आकर्षित करने के उद्देश्य से दिसम्बर 2023 के द्वितीय सप्ताह में देहरादून में “वैश्विक निवेशक सम्मेलन-2023” आयोजित किया जाना प्रस्तावित है उन्होने प्रधानमंत्री जी को उत्तराखण्ड निवेशक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि आमन्त्रित करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन में निवेशक सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न होगा।
बता दें कि सीएम धामी ने प्रधानमंत्री मोदी से बाह्य सहायतित परियोजनाओं की ऋण सीमा को पूर्ववत् रखे जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार वित्त मंत्रालय द्वारा बाह्य सहायतित परियोजनाओं के अन्तर्गत वर्ष 2025-2026 तक के लिये ऋण सीमा को 12652 करोड़ रूपये तक सीमित कर दिया गया है। जिसके कारण राज्य के लिये महत्वपूर्ण नई परियोजनाओं के प्रस्तावों को बाह्य सहायतित परियोजनाओं के अन्तर्गत प्रस्तावित करना कठिन हो गया है।
उन्होने कहा कि जमरानी बांध परियोजना के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा दिनांक 07.03.2023 को आयोजित पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड की बैठक में संस्तुति प्रदान की गई। जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना की वित्तीय स्वीकृति आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी द्वारा प्रदान की जानी है।
आपको यह भी बता दे कि सीएम धामी ने कहा कि देहरादून एवं ऋषिकेश में यातायात को सुव्यवस्थित करने हेतु देहरादून के मुख्य रेलवे स्टेशन को हर्रावाला शिफ्ट किया जाने एवं ऋषिकेश के अन्तर्गत पुराने रेलवे स्टेशन की भूमि राज्य सरकार को हस्तान्तरित किये जाने का प्रस्ताव को स्वीकृत करने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार से 1546 करोड़ की अनुमानित लागत के किच्छा खटीमा रेलवे स्टेशन, रेलवे प्रोजेक्ट के राज्य की वित्तीय सहायता प्रदान करने का अनुरोध प्रधानमंत्री से किया।
साथ ही सीएम धामी कहा कि उत्तराखण्ड को GST Era के उपरान्त हिमाचल सहित औद्योगीकरण को बढ़ावा दिये जाने हेतु IDS की स्कीम लॉच की गयी थी। जिसके लाभार्थियों की कैपिटल सब्सिडी अवमुक्त नहीं की गयी है। उन्होंने अनुरोध किया कि इस अति लोकप्रिय स्कीम (लगभग 1585 ईकाईयां, 1600 करोड़ की सब्सिडी एवं लगभग 7000 करोड़ का प्रत्यक्ष निवेश) को अगले 5 वर्षों हेतु पुनः लागू किया जाय।
इस अवसर पर सीएम धामी ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री के निर्देश के क्रम में राज्य सरकार द्वारा सचिव मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 04 सदस्य टीम द्वारा गुजरात के गुड गवर्नेंस मॉडल का अध्ययन किया गया। इससे प्रेरणा पाते हुये राज्य में गुजरात के स्वागत मॉडल की तरह सीएम शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किया गया। अब हर किसी शिकायत को एंड टू एंड डिजिटलीकरण किया गया है। जिससे हर शिकायत की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही है। शिकायतों के निवारण की गुणवत्ता को परखने हेतु स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा 10 परिवादियों से सीधे वार्तालाप की जा रही है। इसी के तहत 1095 हेल्पलाइन के तहत 24 घंटे कॉल सेन्टर स्थापित किये गये है। हरियाणा की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा भी परिवार पहचान पत्र बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड का परिवार पहचान पत्र का डेटा डायनेमिक डेटा होगा, जो न केवल विभिन्न लाभपरक योजनाओं के लाभार्थियों को चयन करने में मदद करेगा बल्कि विभिन्न योजनाओं को निर्माण करने में सही सूचना उपलब्ध करायेगा। भारत सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा भी अनुपयोगी अधिनियमों को बदला जा रहा है। आतिथि तक लगभग 1250 ऐसे अधिनियमों का चिन्हित किया गया है एवं लगभग 250 अधिनियमों को single repeal act के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है।
उन्होनें कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये संतृप्तीकरण के आदेश को अंगीकृत करते हुये राज्य सरकार द्वारा 07 फ्लैगशिप स्कीम का शत् प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। 04 अन्य फ्लैगशिप स्कीम में 85 प्रतिशत से अधिक की प्रगति है। भारत सरकार एवं नीति आयोग की अपेक्षा के अनुसार बेहतर योजना संरचना, प्रभावी नीति निर्धारण, नवाचारों को प्रोत्साहन एवं अन्तर्विभागीय समन्वयन तथा विकास कार्यों के सटीक अनुश्रवण एवं गहन मूल्यांकन हेतु नीति आयोग, भारत सरकार की तर्ज पर राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखण्ड (सेतु) का गठन किया जा चुका है। राज्य सरकार द्वारा नागरिकों को बेहतर एवं सुविधायें देने हेतु प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जा रहा है। जिस हेतु गुड गवर्नेंस काउंसिल का गठन किया गया है। नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा 06 आकांक्षी विकासखण्डों का चयन किया गया है। राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त रूप से अन्य 09 विकासखण्डों को सम्मिलित करते हुये कुल 15 आकांक्षी विकासखण्डों को चिन्हित करते हुये उनके विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
ऐसे में सीएम धामी ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। लगभग 7000 करोड़ रूपये की हरिद्वार-ऋषिकेश पुर्नविकास महापरियोजना पर कार्य किया जा रहा है। सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर नई एडमिन सिटी की स्थापना पीपीपी मोड पर की जा रही है, जिस पर लगभग 6000 करोड़ रूपये का निवेश होगा। गिफ्ट सिटी की तर्ज पर उधमसिंह नगर जिले में 3000 एकड़ का नया शहर (पंतनगर एयरपोर्ट से 15 मिनट की दूरी पर, जिसका अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कोरिडोर आर्थिक केन्द्र बनेगा।