बृहस्पतिवार को राजधानी देहरादून में एक बार फिर से यह सिद्ध हो गया कि चिकित्सको को भगवान का रूप क्यों कहा जाता है। दून के श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन व दंत रोग विशेषज्ञ ने एक 9 वर्षीय बच्ची के जबड़े के जोड़ को दोबारा तैयार किया। दुर्घटना में चोट के कारण बच्ची के जबड़े का जोड़ चोटिल हो गया था।
परिजनों ने जानकारी दी कि पूर्व में उपचार न मिलने के कारण बच्ची का मुंह धीरे धीरे खुलना बंद हो गया। जब परिजन बच्चे को श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में लेकर आए तो बच्ची मुंह के रास्ते कुछ भी खाने की स्थिति में नहीं थी, चोट के कारण बच्ची के मुंह में टेढ़ापन आ गया था।
वही फिर उस बच्ची का आप्रेशन किया गया जिसके बाद बच्ची स्वस्थ है व सामान्य रूप से आहार ले पा रही है व मुंह के टेढे़पन में भी काफी सुधार हो गया है। श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के चेयरमैन श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज ने डाॅक्टरों व सहायक टीम को सफल सर्जरी की बधाई दी।
आप यह भी जान लें कि मेडिकल साइंस में इस सर्जरी को टैम्पोरोमैंडिब्लर ज्वाइंट (टी.एम.जे.) आथ्रोप्लास्टी विद ज्वाइंट रीकंस्ट्रक्शन कहते हैं। सर्जरी के बाद अब बच्ची का मूंह पूरा खुल पा रहा है और बच्ची सामान्य तरीके से आहार भी ले पा रही है। बच्ची को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।
साथ ही श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डाॅ संजय साधु व दंत रोग विभाग की प्रमुख डाॅ भावना मलिक गोठी की टीम ने 6 घण्टे तक आप्रेशन मे जुटने के बाद बच्ची का सफल उपचार किया।
गौरतलब है कि ऐसे आप्रेशन बहुत महंगे होते है पर इस बच्ची को आयुष्मयान योजना के तहत निशुल्क ईलाज किया गया। वही बच्ची बेहद आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से सम्बन्ध रखती है। आयुष्मयान योजना के अन्तर्गत उपचार मिलने के कारण परिवार को बड़ी राहत मिल पायी है।
बता दें कि इस आप्रेशन में खास ध्यान देने वाली बात यह रही कि डाॅक्टरों ने बच्ची के मुंह के जोड़ में चोट लगने के कारण बढ़ी हड्डी को निकाला, दूसरा पसली की हड्डी से एक हिस्सा लेकर मूंह की जोड़ को दोबारा तैयार किया। वही उत्तराखंड में अब तक इस प्रकार के बहुत रेयर ही ऐसे आप्रेशन किए गए है क्योकि यह बहुत संवेदनशील होते हैं।
आपको यह भी बता दे कि इस आप्रेशन में वरिष्ठ एनेस्थीटिस्ट डाॅ निधि आनंद, ओ.टी. सहायकों कोशी व बिपिन ने अपनी भूमिका निभाई।