जनता का सिरदर्द, सरकार का मौन – पढे पूरी रिपोर्ट

देहरादून मे सडक जाम से जनता परेशान

उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून अपने शिक्षित जनता, कानून एवं विधि व्यवस्था, यातायात व्यवस्था एवं दून के निवासीयों का तौर तरीकों के साथ रहन-सहन के लिए देश भर मे अपनी एक विशेष पहचान रखता है। परन्तु देहरादून के अवैध टैक्सी स्टैन्ड दून की विशेष पहचान पर कलंक के काले बादल की तरह छाये हुए है- विशेष रिपोर्ट

मुख्य मार्ग है साहब कोई टैक्सी स्टैण्ड नही –
उत्तराखण्ड विधानसभा भवन से महज 100 मीटर की दूरी पर रिसपना पुल मौजुद है जो हरिद्वार, ऋषिकेश के साथ साथ अनेको पहाडी जिलो मे जाने वाला मुख्य मार्ग पर स्थित है अमूमन इस स्थान पर हजारो की संख्या मे यात्री बस टैक्सी लेने हेतू मुख्य मार्ग पर खडे हो जाते है। आपको बता दे कि यह मुख्य मार्ग है जिस पर टैक्सी एवं बस चालक अवैध रूप से स्टैण्ड की तरह इस्तमाल कर रहे है जो आये दिन धटनाओं को अंजाम देता है।

जाने क्या क्या समस्याओं का समाना करना पडता है आम जनता को-
सडक जाम के कारण बच्चो को स्कुल पहुचने मे होती है देरी।
सडक जाम के कारण समय, पेट्रोल की बर्बादी।
देहरादून की सौन्दर्यीकरण को खराब कराब करता है यह सडक जाम।
सडक जाम से वायु प्रदूषण भी बढ रहा है।
मरीजों से भरा एम्बुलेन्स को भी जाने मे बाधा।
सडक दुर्धटना की बढती संख्या ।
आम जन एवं बस, मैक्स वालो के बिच झडप।
गंदगी भी बढता जा रहा है जिससे अनेको बिमारीया भी फैल रही है।

देहरादून निवासीयों की कई शिकायतों पर भी नही हुआ कुछ बदलाव-
इन सब समस्याओं को ले कर आम जनता द्वारा कई बार सरकार के प्रतिनिधियों एवं अधिकारीयों से गुहार लागाया गया परन्तु सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम नही उठाया गया। इस कारण आम जनता मे सरकार के खिलाफ नाराजगी भी देखी जा रही है। देहरादून निवासीयों ने कई बार जिलाधिकारी कार्यलय, यातायात अधीक्षक एवं नगर निगम को शिकायत किया परन्तु आज तक कोई ठोस कदम नही उठाया गया। महज देहरादून प्रशासन द्वारा पुलिस कर्मीयों को व्यवस्था ठीक करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंप दिया गया।

एक सुन्दर पहल भी गया बेकार-
उत्तराखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेम चन्द्र अग्रवाल ने भी इस समस्या को गंभीरता से लेते हुऐ विगत विधानसभा सत्र मे अवैध रूप से सडक पर टैक्सी स्टैन्ड का मुददा उठाया परन्तु आज तक सरकार द्वारा कोई भी शासनादेश जारी नही हुआ।

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