सिन्धवानी परिवार ने मुख्यमंत्री से की ‘दून के भ्रष्ट अधिकारीयों और वकीलों की शिकायत’

राजधानी देहरादून में निवास कर रहा सिन्धवानी परिवार द्वारा भू-माफियाें से तंग आ कर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत को पत्र लिख कर उनकी शिकायत की गई थी उसके बाद से सरकार ने भी इस मामले को अपने संज्ञान में लेते हुए अग्रिम व उचित कार्यवाही की। जिस पर सिन्धवानी परिवार ने ‘प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार मुक्त भारत अभियान’ के अंतर्गत सरकार द्वारा लिए गए एक्शन पर पुन: पत्र लिख पुन मुख्यमंत्री एवं प्रदेश के पुलिस महानिदेशक का आभार व्यक्त किया है।

बता दे कि परिवार के शरद सिन्धवानी ने कहा कि इस भ्रष्टाचार मुक्त अभियान में उत्तराखंड मित्र पुलिस की टीम द्वारा हमे दी गई मदद की जितनी सराहना करें वह कम है।

ऐसे में परिवार द्वारा लोकपाल वसंतकुंज दिल्ली, लोकायुक्त उत्तराखंड देहरादून, लोकायुक्त यू.पी. गोमतीनगर लखनऊ, उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक देहरादून, ई.डी. कार्यलय देहरादून एवं उत्तराखंड विजिलेंस निदेशालय देहरादून
को भी पत्र की प्रतिलिपि भेजा गया है।

इस दौरान परिवार का तर्क है कि भू-माफिया पर नकेल कसने के लिए अंग्रेजों द्वारा बनाया गया कानून “Officers with judicial powers protection Act 1850” के अन्तगर्त तहसीलदारों और पटवारियों के अवैध कार्यो को संज्ञान में लेते हुए तुरंत हटाना चाहिए।

वही परिवार ने कहा कि कुछ भ्रष्ट वकील जो ऐसे तहसीलदारों से सांझा होकर, आम आदमी को रियल एस्टेट एजेंट्स के मार्फत परेशान कर के उनकी सम्पति विक्रय कर ज़ोर ज़बरदस्ती हड़प कर रातों रात करोड़पति बन जाते हैं। ऐसे वकीलों पर बिना किसी देरी के नकेल कसना अति अनिवार्य है। जो कानूनी तौर पर जन लोकपाल लोकायुक्त के अंतर्गत भी आता है।

इस शिकायत के दौरान त्रिलोकनाथ सिन्धवानी, जगदीश चन्द्र सिन्धवानी, सुधीर चंद्र सिन्धवानी, शरत सिन्धवानी मौजूद रहें।

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