वेस्ट यूपी बना विपक्षियों का ‘ठिकाना’, प्रियंका आज सहारनपुर किसान महापंचायत में तलाशेंगी कांग्रेस की खोई जमीन – विशेष रिपोर्ट

शंभू नाथ गौतम (वरिष्ठ पत्रकार) : आज बात करेंगे पश्चिम उत्तर प्रदेश यानी वेस्ट यूपी की। किसानों के आंदोलन के बाद यहां पर रालोद, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेता‌ अगले वर्ष होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी सियासी जमीन तलाशने में जुटे हुए हैं । कृषि कानूनों के मसले पर सड़क से लेकर संसद तक संग्राम चल रहा है। किसानों के आंदोलन को अब लगभग तीन महीने से अधिक हो गए हैं, साथ ही अब अलग-अलग जगह महापंचायतों का आयोजन किया जा रहा है । इन किसान महापंचायतों के बहाने उत्तर प्रदेश में विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी सियासत चमकाने के लिए सक्रियता बढ़ा दी है । पिछले दिनों रालोद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने किसान महापंचायत में भाषण देकर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी ।‌ बुलंदशहर में भी आज किसान महापंचायत होनी है, जिसे रालोद नेता जयंत चौधरी संबोधित करेंगे। जयंत अब तक पश्चिमी यूपी की कई महापंचायतों में हिस्सा ले चुके हैं। ऐसे ही समाजवादी पार्टी भी पश्चिम उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन के सहारे अपनी पार्टी का जनाधार मजबूत करने में लगे हुए हैं । लेकिन आज बात करेंगे कांग्रेस की । पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी भी अब किसान आंदोलन को अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव तक गर्माए रखना चाहतीं हैं । बता दें कि किसान आंदोलन को मजबूत बनाने में पश्चिम उत्तर प्रदेश की भूमिका सियासी तौर पर महत्वपूर्ण हो गई है । ऐसे में कांग्रेस अब अपने नए मिशन ‘जय जवान जय किसान’ में इन्हीं किसानों के बीच अपनी पैठ बनाना चाहती है । कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने वेस्ट यूपी में अपनी पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए अधिक फोकस कर रखा है । प्रियंका आज सहारनपुर के चिलकाना में किसानों के बीच नजर आएंगी । बता दें कि कृषि कानून के खिलाफ किसानों को एकजुट करने के लिए किसान संगठनों ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में आज महापंचायत बुलाई हैै । इस महापंचायत को प्रियंका गांधी संबोधित करेंगी। किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस पार्टी की उत्तर प्रदेश में ये पहली रैली होगी। कांग्रेस नेता गांव-गांव जाकर लोगों को पंचायत में शामिल होने का न्योता देने में जुटे हुए हैं । आपको बता दें कि प्रियंका पिछले दिनों रामपुर में किसान नवरीत सिंह के अंतिम अरदास में पहुंची थीं । नवरीत की 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान हादसे में मौत हो गई थी।

27 जिलों में कांग्रेस ‘जय जवान जय किसान’ को आधार बनाकर महापंचायतें करेगी :-

कांग्रेस पार्टी किसान आंदोलन के जरिए उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए नए नारे ‘जय जवान जय किसान’ के साथ उत्साहित नजर आ रही है । कांग्रेस इस अभियान के तहत उन जिलों को टारगेट कर रही है जहां पर मजबूत किसान राजनीति का आधार रहा है ।‌ आज से कांग्रेस पश्चिम उत्तर प्रदेश के 27 जिलों में किसान महापंचायत आयोजन करने जा रही है । इस महापंचायत की कमान स्वयं प्रियंका गांधी ने संभाल रखी है । बता दें कि 10 दिवसीय जय जवान-जय किसान अभियान में उत्तर प्रदेश और देश के कई बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल होंगे । इनमें प्रदीप जैन आदित्य, सचिन पायलट, पीएल पुनिया, प्रमोद तिवारी, राज बब्बर, हार्दिक पटेल, आरपीएन सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू प्रमुख हैं । कृषि कानूनों को लेकर उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन तेज होने के बाद प्रियंका गांधी ने अपनी सक्रियता और तेज कर दी है । कांग्रेस का दावा है कि सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, बिजनौर, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, आगरा, फिरोजाबाद, बदायूं, बरेली, रामपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर और हरदोई में जय जवान जय किसान अभियान को अच्छा खासा जनसमर्थन मिल रहा हैै । इन जिलों में पार्टी के विधायक, पूर्व मंत्री, पूर्व सांसद, पार्टी के उपाध्यक्ष, संगठन के महामंत्री को भी लगाया गया है। बता दें कि मेरठ में 13 फरवरी को होने वाली किसान महापंचायत में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी दोनों मौजूद रहेंगे । मालूम हो कि प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश को लेकर पिछले काफी महीनों से सक्रिय हैं, वह यहां हर छोटे-बड़े मुद्दों पर न सिर्फ अपनी प्रतिक्रिया देतीं हैं बल्कि तमाम मौकों पर लोगों के बीच मौजूद रहकर प्रदेश में कांग्रेस की जमीन को मजबूत करने की दिशा में काम करती रहती हैं।

सहारनपुर जनपद से गांधी परिवार और कांग्रेसियों का पुराना रहा है नाता :-

यहां आपको बता दें कि कांग्रेसियों का सहारनपुर जनपद सियासी तौर पर मजबूत रहा था । गांधी परिवार का जिले के चिलकाना गांव से पुराना नाता रहा है। इंदिरा गांधी से लेकर राजीव गांधी तक कई कांग्रेस नेताओ ने इस गांव में चुनावी जनसभा की है। वर्ष 1971 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी यहा आईं थी और महमूद अली खान जो की तब सिंचाई मंत्री थे उनका प्रचार किया था । जिसके बाद 1983 में राजीव गांधी ने भी यहां रैली को संबोधित किया था । अब प्रियंका गांधी इसी जिले से कांग्रेस की खोई हुई जमीन तलाशने में जुटी हुई हैं । 2017 के विधानसभा चुनाव में जो कुछ छूटा वो सब वापस लेने की कोशिश में प्रियंका का पहला कदम माना जा सकता है। बता दें कि सहारनपुर सीमावर्ती जिला है, यहां से हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और उत्तराखंड जुड़े हुए हैं। यहां की राजनीतिक गतिविधि का असर पड़ोसी राज्यों पर भी नजर आता है। यही कारण है कि मिशन 2022 की शुरुआत कांग्रेस सहारनपुर से करना चाहती हैं । इसके बहाने सुस्त पड़ी कांग्रेस को धार दी जा सकती है । दूसरी ओर प्रदेश की योगी सरकार ने इन महापंचायत को देखते हुए सहारनपुर में धारा 144 भी लगा रखी है । आज सुबह प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा कि वह किसानों के दिल की बात सुनने, समझने, उनसे अपनी भावनाएं बांटने और उनके संघर्ष का साथ देने आज सहारनपुर में रहूंगी। उन्होंने ट्वीट में यह भी लिखा कि भाजपा सरकार को काले कृषि कानून वापस लेने होंगे।

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